Advertisement

शिक्षक दिवस : मुंबई के तीन शिक्षको को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार


शिक्षक दिवस : मुंबई के तीन शिक्षको को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार
SHARES

शिक्षक दिवस यानी 5 सितंबर के अवसर पर शिक्षा में योगदान के लिए मुंबई के तीन शिक्षको को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार राष्ट्रपति अपने हाथों से देते हैं। तीनों ही शिक्षक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हैं। आपको बता दें कि शिक्षक दिवस के अवसर पर हर साल नई दिल्ली में देश के करीब 350 से अधिक शिक्षकों को भारत के राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

मुंबई से इस बार तीन शिक्षकों को इस पुरस्कार से सम्मानित होने का अवसर मिला। इनमे तृप्ती हतिस्कर (56), नागोरा तायडे (51) और काकना चंद्र (48) हैं।

तृप्ती हतिस्कर प्रभादेवी में स्थित बीएमसी मराठी विद्यालय नं 2 में सहायक शिक्षिका हैं। गरीबी के चलते तृप्ति को बचपन में ही पढ़ाई अधूरी छोड़नी पड़ी। वे 32 साल से बच्चों को पढ़ा रही हैं। तृप्ति कहती हैं कि मैंने अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल करने के लिए स्कूल जाना बंद कर दिया। वे कहती हैं कि जब अन्य बच्चे ड्रेस पहनकर स्कूल जाते थे तो उनको भी स्कूल जाने का काफी मन होता था। स्कूल छोड़ने के तीन साल बाद तृप्ति ने रात में स्कूल जाने का निर्णय लिया। पहले तो उनके मां-बाप इसके लिए तैयार नहीं थे लेकिन किसी तरह से उन्होंने अपने मां-बाप को इसके लिए मनाया। वे इस कार्य के लिए अपने परिवार, शिक्षको और मित्रों के सहयोग का आभार व्यक्त करती हैं। हस्तिकर अपनी बेटी के साथ दिल्ली गई हुई हैं।

इसके अलावा घाटकोपर में स्थित नगर पालिका के उच्च प्राथमिक मराठी विद्यालय नं 2 में सहायक शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाने वाले नागोरा तायडे को भी राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। वे कहते हैं कि एक शिक्षक का प्रमुख कार्य छात्रो को अच्छी शिक्षा देना होता है ताकि वे एक राष्ट्र के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे सकें। पिछले 27 सालों से बच्चों को पढ़ाने वाले तायडे आज के ज़माने में रोजगार परक शिक्षा के हिमायती हैं। वे कहते हैं कि यह एक अच्छी बात है हमें उसके लिए तैयार होना पड़ेगा। तायडे टेक्नोलॉजी को भी शिक्षा के एक महत्वपूर्ण अंग मानते हैं। तायडे पालघर में आदिवासी बच्चों को मुफ्त में कोचिंग भी पढ़ाते हैं।

मुंबई की ही काकना चंद्रा भी इस पुरस्कार से सम्मानित हुई। अणुशक्ति नगर में स्थित एटॉमिक एनर्जी सेन्ट्रल स्कूल 2 में बच्चों को पर्यावरण विज्ञान और गणित पढ़ाने वाली काकना चंद्रा कहती हैं कि छात्रों को प्रेरित करने की आवश्यकता है ताकि वे खुद पर विश्वास कर सकें। छात्रों को सीखना होगा और इसके लिए सीखने को मजेदार बनाना होगा। और उसके लिए हमे शिक्षा में और भी सुधार लाने होंगे। यही एक कारण है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाई जा सकती है.  चंद्रा 1992 से ही अध्यापन कार्य कर रही हैं।


डाउनलोड करें Mumbai live APP और रहें हर छोटी बड़ी खबर से अपडेट।

मुंबई से जुड़ी हर खबर की ताज़ा अपडेट पाने के लिए Mumbai live के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें।

(नीचे दिए गये कमेंट बॉक्स में जाकर स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया दें) 

 

Read this story in English or मराठी
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें