मुंबई - बीएमसी के मराठी, हिंदी और अंग्रेजी स्कूलों की क्रिसमस की छुट्टियां हैं, पर उर्दू स्कूल के स्टूडेंट्स स्कूल जाते नजर आए, क्योंकि बीएमसी के उर्दू स्कूल की छुट्टी नहीं थी। इस घटना के बाद से बीएमसी के न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बीएमसी आयुक्त अजॉय मेहता को लेटर लिखा है, जिसके माध्यम से उन्होंने मांग की है कि सभी स्कूलों को समान दर्जा दिया जाए, किसी एक धर्म के प्रति भेदभाव ना बरता जाए।