अपनी विभिन्न मांगों को लेकर फेडरेशन आॅफ स्कूल एसोसिएशन आॅफ महाराष्ट्र (FSAM) ने सोमवार को सभी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि कई बार अपने मांगें सामने रखने के बाद भी राज्य सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि एसोसिएशन के मुताबिक इस बंद का हो रही स्कूली परीक्षा या फिर बोर्ड की परीक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
FSAM का कहना है कि गरीब घर के लोग अपने बच्चों को RTE के तहत बड़े स्कूलों में दाखिला कराते हैं। RTE के अंतर्गत आने वाले बच्चों का 25 फीसदी खर्चा सरकार तो 75 फीसदी खर्चा बच्चे के परिवार वालों को उठाना पड़ता है। FSAM आगे कहता है कि सरकार की तरफ से दी जानी चाहिए वह स्कूल को नहीं मिलती, और जो लोग गरीब घर के नहीं होते वे भी अपने बच्चों का एडमिशन RTE के अंतर्गत करा लते लेते हैं। इसीलिए RTE में जो 25 फीसदी का जो कोटा तय किया गया है उसके नियम शर्तों को या तो रद्द किया जाए या फिर उसमें बदलाव किया जाए।
FSAM की तरफ से जो मांगे सामने रखी गयी है वो इस तरह है,
FSAM का कहना है कि अगर हमारी इन मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो हम एक दिन के लिए स्कूलों को बंद करने का हड़ताल करेंगे।