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स्कूली बच्चों के सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी - हाईकोर्ट


स्कूली बच्चों के सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी - हाईकोर्ट
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बसों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर क्या उपाय किये गये हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर सभी नियम बरतें जा रहे हैं या नहीं, इसकी जांच कौन करेगा? स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए मुंबई हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किए।

'पीटीए युनायटेड फोरम' ने आरोप लगाया है कि अनेक स्कूलों के वाहन जिनमें बच्चों को ले आया और ले जाया जाता है, वे सभी केंद्र सरकार के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। आरोप है कि ऐसे कई वाहन हैं जिन्होने इस बाबत स्कूलों से कोई करार ही नहीं किया है। इससे बच्चों की सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न लग रहे हैं।

न्यायमूर्ती मंजुला चेल्लुर व न्यायमूर्ती नितीन जामदार की खंडपीठ ने इस बाबत सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि स्कूली वाहनों को स्कूलों से करार करना आवश्यक है और कोर्ट में भी स्कूली वाहनों को एक एफिडेविट देना पड़ेगा। साथ ही सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूलों की होगी।

खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि स्कूली बसों और वैन से बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल आते और जाते हैं, वाहनों में कम से कम दो अटेंडेंट का होना जरुरी है। कोर्ट ने सभी वाहनों को नियम का पालन करने का आदेश दिया।


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