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मेगा ब्लॉक के कारण 2 मिनट भारी पड़े 365 दिन पर

रविवार हो रेलवे द्वारा घोषित किये गए मेगा ब्लॉक के कारण कुछ बच्चों को सेंटर पर पहुंचने में कुछ मिनटों की देरी हो गयी, जब ये परीक्षार्थी वहां पहुंचे तो गेट बंद हो चुका था। इन परीक्षार्थियों ने गेट खोल कर उन्हें भी परीक्षा देने की विनती की लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।

मेगा ब्लॉक के कारण 2 मिनट भारी पड़े 365 दिन पर
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कभी-कभी बनाए गए नियम कितना भारी पड़ते हैं इस बात का पता आपको यह खबर पढ़ कर समझ में आ जाएगी। जो छात्र इस आशा में साल भर जी जान से पढ़ता है कि वह परीक्षा आने पर अपने 100 परसेंट दे देगा, लेकिन उसी छात्र को परीक्षा में दो मिनट की देरी से पहुंचने पर न बैठने दिया जाए तो सोचिए उस छात्र की क्या स्थिति होगी। दरअसल यह मामला किसी एक बच्चे के साथ नहीं बल्कि 10 बच्चों को साथ घटित हुआ है। ये सारे छात्र MPSE की परीक्षा में मेगा ब्लॉक के कारण 2 मिनट की देरी से पहुंचे थे।

क्या है मामला?
रविवार 17 फरवरी को महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (MPSC) परीक्षा का आयोजन किया गया था। नियम है की परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों को समय से आधा घंटा पहले पहुंचना अनिवार्य होता है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए मुंबई, पुणे सहित दिल्ली से भी परीक्षार्थी आये हुए थे। मुंबई में इस परीक्षा का सेंटर परेल के महर्षी दयानंद यानी एमडी कॉलेज में कराया गया था। सुबह 10 बजे से परीक्षा का समय था, बच्चो परीक्षार्थियों को 9:30 बजे पहुंचना अनिवार्य था।

लेकिन रविवार हो रेलवे द्वारा घोषित किये गए मेगा ब्लॉक के कारण कुछ बच्चों को सेंटर पर पहुंचने में कुछ मिनटों की देरी हो गयी, जब ये परीक्षार्थी वहां पहुंचे तो गेट बंद हो चुका था। इन परीक्षार्थियों ने गेट खोल कर उन्हें भी परीक्षा देने की विनती की लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।

इसके बाद परीक्षार्थियों और उनके साथ आए परिजनों ने वहां हंगामा मचाना शुरू कर दिया। हंगामा इतना बढ़ा कि मौके पर स्थानीय विधायक, कामगार संगठन के नेता, अन्य अधिकारी सहित कई मान्यवर पहुंच गए। इसके बाद MPSC के चेयरमैन चंद्रशेखर ओक से सम्पर्क कर सारी बातों से अवगत कराया गया। ओक ने सारी वास्तुस्थिति को जानने के बाद परीक्षार्थियों को दूसरे पेपर में बैठने की बात कही, लेकिन परीक्षार्थी पहला और दूसरा पेपर दोनों पेपर देने की बात पर अड़े रहे।

कई परीक्षार्थियों का कहना था कि एक ही दिन दो पेपर का आयोजन किया गया था। पहला पेपर में हमें नहीं बैठने दिया गया, तो दूसरा पेपर देने का कुछ मतलब है नहीं होगा क्योंकि हमारा पहला पेपर तो छूट ही गया। अब ऐसे में इन परीक्षार्थियों को आगे साल तक फिर से इंतजार करना पड़ेगा।

एमपीएससी पेपर क्लियर करने के लिए छात्र साल-साल भर जी जान लगा देते हैं। लेकिन अगर छात्रों को बस कुछ ही मिनटों के लिए देरी हो जाती है, तो उन्हें MPSE जैसे एग्जाम में नहीं बैठने दिया जाता है। अगर गलती संस्था या ऊपर वालों से होती है तो उनके लिए कोई नियम कायदा कानून नहीं है लेकिन अगर छात्र परीक्षा में 2 मिनट की देरी से पहुंचता है तो उसे नियम और कानून का पाठ पढ़ाया जाता है। अमोल मदने, पीड़ित छात्र 

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