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फस्ट ईयर में प्रवेश रद्द या किसी और कॉलेज में दाखिला लेनेवाले छात्रो को राहत

विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थानों को ऐसे छात्रो को पूरी फिस वापस देने का आदेश

फस्ट ईयर में प्रवेश रद्द या  किसी और कॉलेज में दाखिला लेनेवाले छात्रो को राहत
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डिग्री के लिए कॉलेज के पहले वर्ष में प्रवेश लेनेवाले छात्रों को अक्सर अलग अलग कारणों से प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है। हालांकि, इन छात्रों द्वारा भुगतान की गई ट्यूशन फीस की वसूली के लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है।  कभी कभी तो कुछ छात्रों को यह शुल्क वापस नहीं किया जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC)  ने ऐसे छात्रों को राहत देने का फैसला लिया है। इस शैक्षणिक वर्ष में, यूजीसी ने छात्रों को निर्देश दिया है कि यदि प्रथम वर्ष के डिग्री छात्र अपना प्रवेश रद्द करते हैं या विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थानों से दिए गए समय सीमा के भीतर  अपना प्रवेश किसी और कॉलेज या विश्वविद्यालय में करवाते है तो  ऐसे छात्रो की पूरी फीस तुरंत वापस की जाए।

छात्रों की फीस समय पर नहीं लौटाने पर यूजीसी कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए शुल्क वापसी नीति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अगस्त के महीने में जारी की गई थी। हालांकि, कई प्रथम वर्ष के छात्रों को यूजीसी से शिकायत मिली थी कि कॉलेज के शैक्षणिक संस्थानों में उनका प्रवेश रद्द करने के बाद भी, कॉलेज के शैक्षणिक संस्थानों द्वारा छात्रों को फीस वापस नहीं की जा रही है।

यूजीसी ने एक सर्कुलर जारी किया है ताकि छात्रों और उनके अभिभावकों को इस शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश लेते समय आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। अगस्त में किसी विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान से नाम वापस लेने या स्थानांतरण होने पर प्रथम वर्ष के छात्रों की फीस वापसी के संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी। 

यूजीसी के इस आदेश के परिणामस्वरूप जिन छात्रों ने इस वर्ष किसी शैक्षणिक संस्थान या विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया है और 31 अक्टूबर, 2022 तक प्रवेश रद्द कर दिया है, उन्हें संबंधित शैक्षणिक संस्थान, विश्वविद्यालय द्वारा भुगतान की गई फीस को पूरा वापस करने का निर्देश दिया गया है। 

1 नवंबर से 31 दिसंबर, 2022 तक प्रवेश रद्द करने के मामले में, यूजीसी ने कहा है कि छात्रों को 1000 रुपये तक के प्रसंस्करण शुल्क को छोड़कर अन्य सभी शुल्क की वापस किए जाने चाहिए। यूजीसी द्वारा घोषित सर्कुलर के मुताबिक देश के सभी शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को इस आदेश पर  कार्रवाई करनी है। 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के इस आदेश का पालन नहीं करने वाले शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदी कोई शैक्षणिक संस्थान UGC के इस आदेश का पालन नहीं करता है तो वे शैक्षणिक संस्थान आयोग से धन प्राप्त करने के लिए अपनी पात्रता खो देंगे। इसके अलावा यूजीसी ने चेतावनी भी दी है कि उनकी यूनिवर्सिटी की मान्यता भी वापस ले ली जाएगी।

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