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MU की असंवदेनशीलता: पेपर जमा करने में हुई देरी, दिव्यांग छात्र को लौटाया


MU की असंवदेनशीलता: पेपर जमा करने में हुई देरी, दिव्यांग छात्र को लौटाया
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अपनी बदइंतजामी के लिए फजीहत करवा चुकी मुंबई यूनिवर्सिटी अब इंसानियत भी भूल गयी है। 'लॉ' का पेपर देने वाले एक दिव्यांग छात्र का प्रेक्टिकल पेपर यूनिवर्सिटी अब जमा नहीं कर रही है क्योंकि उस दिव्यांग छात्र ने पेपर जमा करने में देरी कर दी थी।



क्या है मामला?
MU में पढ़ने वाला दिव्यांग संतोष यादव LLM बिजनेस लॉ का लास्ट ईयर का स्टूडेंट है। इसे संतोष का हौसला और कुछ कर गुजरने  की हिम्मत ही कहेंगे कि दोनों हाथ नहीं होते हुए भी वह आज इस मुकाम तक पहुंचा। 7 मई के दिन यूनिवर्सिटी में दिए गए एक प्रोजेक्ट के तहत किसी भी एक विषय को पर रिसर्च कर उसे जमा करना था। संतोष ने किसी तरह से रिसर्च पूरा तो किया लेकिन उसे समय पर जमा नहीं कर पाया। जब वह पेपर जमा करने गया तो विभाग के अधिकारियों ने पेपर जमा करने से मना कर दिया। संतोष द्वारा लाख मिन्नतें करने के बाद भी अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा।


मैं LLM अंतिम वर्ष का छात्र हूं, जन्म से मेरे  दोनों हाथ नही हैं। मैंने एक एक दूसरे छात्र की मदद से अपना रिसर्च पेपर टायपिंग करवाया। इसीलिए मुझे प्रोजेक्ट सब्मिट करने में थोड़ी देर हो गयी। जिसे अब विभाग द्वारा जमा नहीं किया जा रहा है। इस बाबत मैंने विभाग को पत्र भी लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अगर पेपर जमा नहीं हुए तो मेरा यह साल बरबाद हो जाएगा।
- संतोष यादव, पीड़ित छात्र 



 MU के नियमानुसार किसी भी परीक्षा का रिजल्ट आने में कम से कम 30 से 45 दिन लगते हैं। बावजूद इसके समय पर MU रिजल्ट जारी नहीं कर पाती। लेकिन एक दिव्यांग छात्र एक हफ्ते की देरी से पेपर जमा नहीं कर पाता तो उसके पेपर जमा नहीं किये जाते। इसकी जिम्मेदार लॉ विभाग की रश्मि ओझा है।
- सचिन पवार, अध्यक्ष, स्टुडेंट लॉ काउंसिल 

 जब इस संदर्भ में मुंबई लाइव ने रश्मि ओझा से सम्पर्क करना चाहा तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।

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