तमिलनाडु में में सरकार कृ मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित तीन भाषा फॉर्मूले का कड़ा विरोध हुआ था। जिसके बाद सरकार को अब हाथ पीछे लेने पड़े हैं। इस पर ऑस्कर विनर सिंगर ए आर रहमान ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
அழகிய தீர்வு 🌹🇮🇳 ”தமிழகத்தில் இந்தி கட்டாயமல்ல... திருத்தப்பட்டது வரைவு!”
— A.R.Rahman (@arrahman) June 3, 2019
सोशल मीडिया पर भी तमिलनाडु के कई लोगों ने कैंपेन चलाकर सरकार के इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया है। ट्विटर पर #StopHindiImposition नाम से हैशटैग भी ट्रेंड हुआ था।
जिसके हाद सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए इस बात को साफ किया कि वो अपने इस प्रस्ताव को थोपना नहीं चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उनका इरादा भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना है, किसी पर थोपना नहीं।
तमिलनाडु हिंदी थोपे जाने के विरोध के लिए जाना जाता है। पहला हिंदी विरोधी आंदोलन 1937 में हुआ और तीन साल तक चला। बाद में, एक समान आंदोलन 1965 में हुआ। विरोध प्रदर्शन के दौरान कई लोग मारे भी गए थे।