तीन महीने पहले इरफान खान से जुड़ी एक खबर सामने आई, जिसने उनके चाहने वालों को हैरत में डाल दिया। इरफान खान ने बताया था कि उन्हें न्यूरोएन्डोक्राइन ट्यूमर हो गया है, जो एक तरह की गंभीर बीमारी है और कुछ दिनों में ही वे इसके इलाज के लिए इंग्लैंड रवाना हो गए। वहां पर इरफान का इलाज जारी है। इरफान ने अपनी हालात और मन की स्थित को बयां करने वाला पत्र शेयर किया है।
इरफान ने अपने इस लेटर की शुरुआत में लिखा, कुछ महीने पहले अचानक मुझे पता चला कि मैं न्यूरोएन्डोक्राइन ट्यूमर से जूझ रहा हूं, मेरी शब्दापवली के लिए यह बेहद नया शब्द था, इसके बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि यह एक तरह की गंभीर बीमारी है और इसपर अधिक शोध भी नहीं हुए हैं। अभी तक मैं एक बेहद अलग खेल का हिस्सा था। मैं एक तेज भागती ट्रेन पर सवार था, मेरे कुछ सपने थे, योजनाएं थीं, लक्ष्य था और मैं पूरी तरह इस सब में व्यस्त था। तभी ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे कंथे पर हाथ रखते हुए मुझे रोक दिया। जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वह टीसी था। उसने कहा, आपका स्टेगशन आ गया है आप कृपया उतर जाइए। मैं परेशान हो गया, मैंने कहा, नहीं मेरा स्टेशन अभी नहीं आया है, तो उसने कहा, नहीं, आपका सफर यहीं तक था। कभी कभी यह सफर ऐसे ही खत्म होता है।
‘ब्लैकमेल’ एक्टर इरफान ने पत्र में आगे लिखा, इस सारे हंगामे, आश्चर्य, डर और घबराहट के बीच, एक बार अस्पबताल में मैंने अपने बेटे से कहा, मैं इस वक्त अपने आप से बस यही उम्मीेद करता हूं कि इस हालत में मैं इस संकट से न गुजरूं। मुझे किसी भी तरह अपने पैरों पर खड़े होना है। मैं डर और घबराहट को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता चाहता हूं। मेरी यही इच्छा थी, तभी मुझे अचानक भयानक पीड़ा हुई।
इरफान ने आगे लिखा, मैं जिस अस्पताल में भर्ती हूं, उसमें बालकनी है। जहां से बाहर का नजारा दिखता है। मेरे ठीक ऊपर कॉमा वॉर्ड है। सड़क की एक तरफ मेरा अस्पताल है और दूसरी तरफ लॉर्ड्स स्टेडियम है। वहां विवियन रिचर्ड्स का मुस्कुराता हुआ पोस्टर है।
इरफान कहते हैं, मेरे इस सफर में सारी दुनिया के लोग, मेरे सेहतमंद होने की दुआ कर रहे हैं, प्रार्थना कर रहे हैं, मैं जिन्हें जानता हूं और जिन्हें नहीं जानता हूं, वे सभी अलग अलग जगहों पर मेरे ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। ये सब दुआएं मिलकर एक हो गई हैं और असर दिखना शुरू हो गया है।