अगर आप समझते हैं कि फिल्म 'पद्मावत' को लेकर सब कुछ शांत है तो आप गलत समझ रहे हैं। फिल्म पद्मावत के एक दृश्य को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने फिल्म के किसी भी दृश्य को लेकर काटने से मना कर दिया। दरअसल पद्मावत के अंतिम दृश्य को लेकर आपत्ति जताई गयी थी जिस दृश्य में रानी पद्मावती जौहर कर लेती है। याचिका में अनुरोध किया गया था कि इस दृश्य को देखने से और भी महिलाएं प्रेरित हो सकती हैं।
कोर्ट ने रद्द की याचिका
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिकाकर्ता से कहा क़ी क्या आपको लगता है कि कोई महिला महज फिल्म देखकर खुद को सती कर लेगी? उन्होंने यह भी तर्क दिया कि इन सालों में महिला सशक्तीकरण काफी आगे बढ़ चुका है। यही नहीं कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि आपने देवदास फ़िल्म देखी है वो उपन्यास 1934 मे लिखा गया था उसके बाद उस पर कई फ़िल्में बनी। क्या कोई प्रेमी फ़िल्म देख कर शराबी हुआ? इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका ख़ारिज कर दी।
जौहर सीन पर थी आपत्ति
आपको बता दें कि स्वामी अग्निवेश नाम के याचिकाकर्ता ने फिल्म पद्मावत के आखिरी सीन को हटाए जाने की मांग कोर्ट से की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि इस सीन से सती प्रथा को बढ़ावा मिलने का डर है।
पहले भी हुआ था बवाल
गौरतलब है कि फिल्म पद्मावत को लेकर करणी सेना सहित देशभर में कुछ संगठनों ने काफी विरोध किया था। इन संगठनों को फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के कथित तौर पर प्रेम प्रसंगों को दिखाए जाने पर आपत्ति थी। फिल्म के विरोध में देश भर मर आगजनी, आंदोलन और तोड़फोड़ किये गए थे। जबकि फिल्म की रिलीज डेट को दिसंबर से बढ़ा कर जनवरी कर दिया गया था।