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बर्थडे स्पेशलः पिता ने कहा ना, तो मां बोली हां और विनोद खन्ना बने स्टार!


बर्थडे स्पेशलः पिता ने कहा ना, तो मां बोली हां और विनोद खन्ना बने स्टार!
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विनोद खन्ना बॉलीवुड के एक ऐसे सितारे हैं जो अब इस दुनियां में तो नहीं रहे पर आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैँ। उनकी जिंदगी किसी मसालेदार फिल्म की स्टोरी से कम नहीं रही है। विनोद खन्ना एक बिजनेस फैमिली से थे, उनके पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा बॉलीवुड इंडस्ट्री में जाए। पर विनोद खन्ना को मां का साथ मिला और आखिरकार पिता को भी हां कहनी पड़ी। पर उन्होंने शर्त रख दी थी कि ठीक है तुम्हारे पास 2 साल का वक्त है, अगर टिक गए तो ठीक है वरना फैमिली बिजनेस में वापस आ जाना।

पिता की शर्त को विनोद खन्ना ने चैलेंज की तरह लिया और 2 ही साल में वे इंडस्ट्री में एक स्टैबलिस एक्टर बन गए। इसके बाद क्या था विनोद खन्ना एक नए स्टार के रूप में उभरने लगे।

पर कहते हैं ना वक्त बदलते देर नहीं लगती, हालांकि यहां वक्त तो बदलता नहीं दिखा क्योंकि विनोद खन्ना सफलता के नए आयाम गढ़ रहे थे, पर अचानक से उन्हें क्या हुआ और उनके अंदर अध्यात्म जागने लगा। वे फिल्मों की शूटिंग में भी भगवा कपड़े और रुद्राक्ष का माला पहनकर जाया करते थे। सेट पर पहुंचने के बाद कॉस्ट्यूम पहनते थे। यह कुछ समय तक चला पर डायरेक्टर का उनके प्रति अलग नजरिया बनते विनोद खन्ना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाकर फिल्मों से सन्यास लेने की बात कही।

इसके बाद वे ओशो के चेला बन गए। आश्रम पर रहकर उन्होंने रसोय्या समेत माली और प्लंबर आदि का काम किया था। विनोद खन्ना ने 1998 में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि गुरुजी हर वक्त ध्यान और पूजा भक्ति करने को तो नहीं कहेंगे इसके लिए मैंने वहां पर बहुत सारे काम भी किए। यह मेरे जीवन का एक अलग अनुभव था जिसे करके मुझे बहुत मजा आया था। इस दौरान मीडिया ने विनोद खन्ना को सेक्सी सन्यासी का नाम दिया था।

अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार को राहत की सांस मिली ही रही होगी कि एक बार फिर विनोद खन्ना इंडस्ट्री में वापस आ गए। उन्होने कुर्बानी और दयावान जैसी फिल्मों से वापसी की और ये फिल्में बॉकिस ऑफिस पर हिट रहीं। कुछ समय के बाद वे राजनीति में भी गए और फिल्मों में भी बीच बीच में नजर आते रहे।

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