राज्य में वन्यजीवों के प्रभावी प्रबंधन के कारण छह टाइगर रिजर्व, संरक्षित क्षेत्रों और संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बाघों सहित जंगली जानवरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले चार वर्षों में राज्य में बाघों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (25 percent increase in the number of tigers in Maharashtra in four years)
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य वन्यजीव बोर्ड की 20वीं बैठक हुई। बैठक में वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार नागपुर से टेलीकांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। जबकि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विकास खड़गे, वन विभाग के प्रधान सचिव वेणुगोपाल रेड्डी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) महीप गुप्ता आदि मौजूद थे।
चार सालों में देश में बाघों की संख्या 2,967 से बढ़कर 3,167
पिछले चार सालों में देश में बाघों की संख्या 2,967 से बढ़कर 3,167 हो गई है। यह वृद्धि 6.74 प्रतिशत है और इसकी तुलना में कहा गया कि पिछले चार वर्षों में महाराष्ट्र में बाघों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हर चार साल में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन की प्रभावशीलता का आकलन किया जाता है।
2022 में हुए इस आकलन में पेंच टाइगर रिजर्व को देश में आठवां स्थान मिला है। इस दौरान कहा गया कि अन्य टाइगर रिजर्व के मूल्यांकन की स्थिति भी बढ़ी है।बैठक में अभयारण्य और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में टाइगर ट्रेल के साथ विकास परियोजनाओं के प्रस्तावों पर चर्चा की गई।
इसमें मुख्य रूप से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए सड़क परियोजनाओं और भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल के 19 प्रस्ताव पेश किए गए।
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