Advertisement

मुंबई सहित भारत के 12 शहर डूब जाएंगे पानी में, नासा ने दी चेतावनीं

नासा ने इसका कारण पृथ्वी के बढ़ते तापमान को बताया है जिससे ध्रुवों पर जमा बर्फ पिघलेगी। और उससे समुद्री जलस्तर बढ़ेगा। जिससे काफी बड़े इलाके में तबाही मच जाएगी।

मुंबई सहित भारत के 12 शहर डूब जाएंगे पानी में, नासा ने दी चेतावनीं
प्रतीकात्मक फोटो
SHARES

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने एक चौकानें वाला खुलासा किया है। एक रिपोर्ट के आधार पर नासा का कहना है कि सिर्फ 79 साल बाद यानी 2100 में भारत (india) के 12 तटीय शहर करीब 3 फीट पानी में डूब जाएंगे। इन शहरों में चेन्नई, कोच्चि, भावनगर जैसे अन्य शहर शामिल हैं।

नासा ने इसका कारण पृथ्वी के बढ़ते तापमान को बताया है जिससे ध्रुवों पर जमा बर्फ पिघलेगी। और उससे समुद्री जलस्तर बढ़ेगा। जिससे काफी बड़े इलाके में तबाही मच जाएगी।

आज तक में छपी खबर के अनुसार, हाल ही में इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की रिपोर्ट के आधार पर नासा (NASA) ने सी लेवल प्रोजेक्शन टूल (Sea Level Projection Tool) बनाया है। इस रिपोर्ट में कहा भी गया है कि 2100 तक दुनिया में कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण (pollution) के कारण करीब तापमान में औसत 4.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। अगले दो दशकों में ही तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। इतने अधिक तापमान के कारण ग्लेशियर पिघलेंगे। और उसका पानी मैदानी और समुद्री इलाकों में तबाही मचाएगा।

नासा ने अपने प्रोजेक्शन टूल से बताया कि किस साल दुनिया के किस हिस्से में कितना समुद्री जलस्तर बढ़ेगा।

भारत के जिन 12 शहरों जितना पानी भरने का खतरा है, उसके अनुसार उनमें - भावनगरः (2.69 फीट), कोच्चिः (2.32 फीट) मोरमुगाओः (2.06 फीट), ओखा (1.96 फीट), तूतीकोरीन (1.93 फीट), पारादीप (1.93 फीट), मुंबई (1.90 फीट), ओखा (1.87 फीट), मैंगलोर (1.87 फीट), चेन्नई (1.87 फीट) और विशाखापट्टनम (1.77 फीट) है।

समुद्री जलस्तर बढ़ने से आर्थिक व्यवस्था को करारा नुकसान पहुंचेगा.बक्योंकि इनमें से अधिकांश तटीय इलाकों में कई स्थानों पर प्रमुख बंदरगाह है, व्यापारिक केंद्र हैं, और मछलियों और तेल का कारोबार होता है।

IPCC की इस रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा है कि पिछले 40 सालों से गर्मी जितनी तेजी से बढ़ी है, उतनी गर्मी 1850 के बाद के चार दशकों में नहीं बढ़ी थी।

साथ ही वैज्ञानिकों ने चेतावनी भी दी है कि अगर हमनें प्रदूषण पर विराम नहीं लगाया तो प्रचंड गर्मी, बढ़ते तापमान और अनियंत्रित मौसमों से सामाना करना पड़ेगा। जिससे साल 2050 तक प्रदूषण, प्रचंड गर्मी, बाढ़ जैसी दिक्कतों का आना दोगुना ज्यादा हो जाएगा। इसे रोकना जरूरी है, नहीं तो अगली पीढ़ियों को एक बर्बाद धरती मिलेगी।

Read this story in English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें