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कागज की गणेश मूर्ति पर उठे सवाल


कागज की गणेश मूर्ति पर उठे सवाल
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मुंबई सहित पुरे महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इसे देखने के लिए लोग देश विदेश से मुंबई आते हैं। यही नहीं इस त्यौहार में भक्ति भाव से पूजा करते हुए लोग कई सामाजिक सन्देश भी देते हैं। इनमे सबसे महत्वपूर्ण होता है इको फ्रेंडली गणेश की मूर्ति का निर्माण। POP (प्लास्टर ऑफ़ पेरिस) से बनने वाली मूर्ति पानी में नहीं घुलती जिससे पानी प्रदूषित होता है। इसे देखते हुए अब रोहित वसते (38) ने व्हाइटिंग क्ले (सफ़ेद मिटटी) और न्यूज पेपर से गणेश की मूर्ति बना रहे हैं। अँधेरी के रहने वाले रोहित अपने इस कार्य से पर्यावरण प्रदुषण पर रोक लगाना चाहते हैं। मिटटी और कागज़ की मूर्ति बनाने को 10 का समय लगता है। यह देखने में काफी सुंदर और वजन में बेहद हल्की होती है। रोहित कहते हैं कि गणेश की मूर्ति की मूर्ति पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और कम खर्चे में बन जाती है। रोहित द्वारा बनाई जाने वाली मूर्तियों की लंबाई, किमत और वजन  


 मूर्ति की लंबाई कीमत  मूर्ति का वजन
12250
1
24000
 1.5
36000
2


लेकिन रोहित के इन दावों पर सवाल उठने लगे हैं। रोहित दावा करते हैं कि उनकी मूर्तियाँ पूरी तरह से इको फ्रेंडली होती हैं लेकिन मलाड के ALM  अध्यक्ष यशवंत राणे (66) कहते हैं कि कागज की मूर्ति इको फ्रेंडली नहीं है, क्योंकि कागज पानी में कई छोटे छोटे टुकड़े में हो जाता है, और मछलियां उसे खाकर बीमार हो जाती हैं। इसीलिए यह पर्यावरण के लिए नुकसान दायक है। यही नहीं न्यूज़ पेपर का कलर भी पानी में घुल कर पानी को दूषित करता है।

अब लोग रोहित के दावे पर सवाल उठाने लगे हैं। हालांकि रोहित ने पहल तो अच्छी की थी लेकिन रोहित को अन्य संबंधित अधिकारीयों से भी जांच करवा कर फिर से अपनी मेहनत को निखारना होगा।


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