Advertisement

ये कैसी इको फ्रेंडली होली ?


ये कैसी इको फ्रेंडली होली ?
SHARES

मुंबई - पर्यावरण अनुकूल हर्बल रंगों से होली मनाने के लिए के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाता है। लोगों को सलाह दी जाती है कि रासायनिक रंगों की जगह प्राकृतिक सामग्री से बने सूखे हर्बल रंगों से केवल तिलक लगाकर पर्यावरण अनुकूल तिलक होली-रंगपंचमी उत्सव को प्राचीन परम्परा अनुसार मनाएं, ताकि पानी को बचाने के साथ ही पर्यावरण को भी शुद्ध रखा जा सके। साथ ही प्लास्टिक के गुब्बारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं हमारी बीएमसी इसको लेकर लापरवाह है। उसकी तरफ से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
50 मायक्रोन के प्लास्टिक बैंग पर पाबंदी के बावजूद उसके प्रोडक्शन पर किसी तरह की रोक नहीं लग पाई है। करोड़ों रुपए विज्ञापन पर खर्च करने के बाद भी उसपर रोक नहीं लग पा रही है। जिसके लिए बीएमसी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती।
इस बारे में पर्यावरण विशेषज्ञ शरद यादव का कहना है कि पर्यावरण विभाग की तरफ से बीएमसी को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बावजूद इसमें लापरवाही बरती जा रही है।

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें