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अंधेरी ईस्ट में दिखा तेंदुआ

वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए को सुरक्षित रूप से पकड़ने के लिए क्षेत्र में 10 स्वचालित कैमरों के साथ-साथ तीन जाल पिंजरों को स्थापित किया है।

अंधेरी ईस्ट में दिखा तेंदुआ
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रविवार तड़के, अंधेरी पूर्व में स्थित जेबी नगर के पास एक पांच सितारा होटल के पास एक तेंदुए को घूमते हुए देखा गया। जब यह बात लोगों को पता चली तो इलाके में हड़कंप मच गया। लोगों द्वारा वन विभाग को सुचित किया गया। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए को सुरक्षित रूप से पकड़ने के लिए क्षेत्र में 10 स्वचालित कैमरों के साथ-साथ तीन जाल पिंजरों को स्थापित किया है।

अधिकारियों ने बताया कि, तेंदुए को सबसे पहले होटल के चौकीदार द्वारा देखा गया था। क्योंकि तेंदुआ पास के ही एक गोदाम की दीवार पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था। बताया जा रहा है कि बाउंड्री वॉल पर तेंदुए के पैरों के निशान भी है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि जानवर किस दिशा की तरफ गया होगा।

राज्य वन विभाग और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (SGNP) की बचाव टीमों ने इस क्षेत्र को स्कैन किया। साथ ही कुछ छोटे औद्योगिक इमारतों के साथ-साथ खाली पड़े गोदामों के अलावा आवासीय इलाकों में भी सर्च प्रकिया जारी है। अधिकारियों का अनुमान है कि, बारिश केे कारण तेंदुआ जंगल से निकल कर इन खाली पड़े गोदामों को ही अपना घर बनाया होगा।

एक अधिकारी ने कहा, ' अगर यह तेंदुआ किसी तरह से हमारे कैमरे में एक बार ट्रैप हो जाता है तो फिर उसका मिलान हम अपने रिकॉर्ड में दर्ज तेंदुओं के रिकॉर्ड से मैच करेंगे। अगर यह मैचिंग मिल जाती है तो हमें उसकी लोकेशन तलाश करने में आसानी होगी।

वन विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि एसजीएनपी में और उसके आसपास कुल 47 तेंदुए हैं। विशेष रूप से औरे, गोधुंदर गांव, नगला ब्लॉक, बॉम्बे पशु चिकित्सा कॉलेज और आईआईटी-बॉम्बे जैसे क्षेत्रों में।

अधिकारी ने आगे कहा, इससे पहले कि तेंदुआ फिर से रिहायशी इलाके में आए उसे पकड़ कर जंगल में छोड़ना होगा। अधिकरी के मुताबिक, जंगली जानवरों के द्वारा रिहायशी इलाकों में घूमने जैसे मामलों में वृद्धि हुई है। वन विभाग ने कई जानवरों को पकड़ कर जंगल में छोड़ा है।

गौरतलब है कि मानव बस्तियों द्वारा जंगल में अतिक्रमण के कारण और तेजी से घटते हुए जंगल के कारण आए दिन जंगली जानवर मानव बस्तियों में घुस जाते हैं। इस तरह के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुएबवन विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि तेंदुए आबादी वाले क्षेत्रों में न आने पाएं।

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