सूचना के अधिकार यानी की RTI से मिली जानाकीर के मुताबिक पिछलें पांच सालों में आग की 1110 घटनाओं में 6,533 हेक्टेयर जंगल की जमीन जलकर खाक हो गई। इतमी बड़ी मात्रा में आग लगने के कारण लगभग 90 करोड़ रुपये के वन संसाधनों का नुकसान हुआ है। मुंबई स्थित पर्यावरण समूह वॉचडॉग फाउंडेशन की ओर से 2015 से 2019 तक मुंबई, ठाणे, पुणे, कोल्हापुर, नाशिक और औरंगाबाद इलाको में जंगलो में लगी आग के बारे में जानकारी मांगी गई थी।
आरटीआई पर जबाव देते हुए इस बात की जानकारी मिली की मुंबई में ज्यादातर आग संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में लगी। वन अधिकारियों ने कहा कि जंगलो में 95 फिसदी से ज्यादा आग कृषि और भूमि अधिग्रहण उद्देश्यों के लिए मानव निर्मित कारणों के कारण हुए। छोटी आग जंगल के नीचे उगने और मिट्टी के पोषक तत्वों को कम कर सकती हैं, लेकिन मानव निर्मित आग के कारण वनस्पतियों और जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।
वन विभाग के आंकड़ों से मुंबई में 2015 से 2018 तक आग में 119% की वृद्धि देखी गई, जबकि अकेले एसजीएनपी ने इस दौरान 309% वृद्धि दर्ज की। मुंबई के बाद, नासिक में 525 आग की घटना हुई। नाशिक में लगी आग की घटनाओं की वजह से 4,917 हेक्टेयर भूमि जलकर खाक हो गई, आग लगने के कारण 53.48 करोड़ रुपये की जंगल संसाधन संपत्ति का नुकसान हो गया है।
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