बांद्रा स्टेशन.. बांद्रा बस डिपो.बांद्रा बाजार रोड और माहिम में मुहर्रम के अवसर पर कहीं शरबत पिलाकर लोगों की प्यास बुझाई गई. तो कही रोजेदारों का रोजा खुलवाया गया... माहिम में पूरा का पूरा परिवार लोगों को शरबत पिलाता नजर आया.आज ही के दिन इमाम हुसैन करबला में शहीद हुए थे... कहा जाता है कि उन्हें बिना पानी के तीन दिनों कर प्यासा तड़पाया गया था.. इसी लिए उनकी याद में मुहर्रम पर शरबत बांटा जाता है। बांद्रा बाजार रोड पर दो दिन का रोजा रखने वाले रोजादारों का रोजा खोलने की पूरी व्यवस्था की गई थी। मुहर्रम के 10वें दिन को अशोर कहते हैं... अशोर के दिन मुस्लिम समुदाय लोग जिसकी जैसी वैसी हैसियत होती है वैसी व्यवस्था करता है.कोई घर तो कोई मुहल्लें में शरबत बनाकर लोगों की प्यास बुझाता है। मुहर्रम पर शिया मुस्लिम मातम करते हैं.जबकि सुन्नी मुसलमान मस्जिद में नमाज़ पढ़ते है..