इस साल 4 नवम्बर को दिवाली (diwali) मनाई जाएगी। कार्तिक मास की अमावस्या में विधि विधान से लक्ष्मी पूजा का बड़ा ही महत्व है। श्रद्धा और समपर्ण भाव से पूजा करने पर माता लक्ष्मी अवश्य प्रसन्न होती हैं।
मुहूर्त सुबह 6 बजकर तीन मिनट से शुरू हो रही है और पांच नवंबर सुबह 2 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन प्रदोषकाल से लेकर अर्धरात्रि तक श्री महालक्ष्मी पूजन, मंत्र-तंत्र-जप आदि करने का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन किए गए जप-तप-यज्ञ व दान का फल कई गुना अधिक मिलता है।
आइए जानते हैं लक्ष्मी पूजा का शुभमुहूर्त और विधि विधान
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि का आरंभ:- 4 नवंबर 2021 को सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक
प्रदोष काल समय:- शाम 5 बजकर 32 मिनट से 8 बजकर 15 मिनट तक
वृषभ काल समय:- शाम 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजे तक
सिंह काल का समय:- रात 12 बजकर 45 मिनट से लेकर 2 बजकर 55 मिनट तक
चौघड़िया मुहूर्त:- दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक यह समय दुकान, फैक्ट्री, व्यापारिक स्थल पर पूजा करने का श्रेष्ठ समय रहेगा।
पूजा की विधि विधान
1. सबसे पहले ईशान कोण (यानी उत्तर और पूर्व दिशा का कोना) या उत्तर दिशा में सफाई के बाद स्वास्तिक बनाएं। अब यहां स्वस्तिक के ऊपर एक कटोरी चावल रखें। लकड़ी के पाट पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें। ध्यान रहे कि माता लक्ष्मी की तस्वीर में गणेश जी और कुबेर जी की भी तस्वीर रहे।
2. सभी मूर्तियों या तस्वीरों पर जल छिड़ककर ॐ अपवित्रो पवित्राय नमः, श्री कृष्ण वासुदेवाय नमः बोलते हुए उन्हें पवित्र करें।
3. कुश के आसन पर बैठकर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी को वस्त्र, आभूषण, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, फल और अंत में दक्षिणा चढ़ाएं।
4. माता लक्ष्मी सहित सभी देवी-देवताओं के मस्तक पर हल्दी, रोली और चावल लगाएं।
5. पूजा के बाद भोग या प्रसाद चढ़ाएं।
6. अंत में खड़े होकर देवी-देवताओं की आरती उतारें। आरती करने के बाद उस पर जल फेर दें।
8. पूजा के बाद घर के आंगन और मेनगेट में दीये जलाएं। एक दीपक यम के नाम का भी जलाना चाहिए।
9. पूजा और आरती के बाद सबको प्रसाद दें।
10. घर में कोई विशेष पूजन कर रहे हैं तो स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का भी पूजन किया जाता है।
लक्ष्मी पूजन में इन बातों का रखें ध्यान-
1. दिवाली के दिन पूजा रात के विशेष मुहू्र्त में की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
2. दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय घर के सभी सदस्य एकत्रित रहें।
3. घर के ईशान कोण में ही लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए।
4. पूजा-पाठ बिना आसन नहीं करना चाहिए।
5. आरती के बाद उसे दोनों हाथ से ग्रहण करना चाहिए।