मुंबई की आराध्य देवी कहलानेवाली मुंबादेवी का श्रृंगार हापुस आम से किया जाएगा। शनिवार 18
मई को वैशाख पूर्णिमा को सुबह 7
बजे से दोपहर 12
बजे तक श्री नवचंडी यज्ञ किया जाएगा। इस मौके पर आंबा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा श्री मुंबादेवी मंदिर प्रबंधन का कहना है की दोपहर 12
बजे पहली बार आंबा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इस मौके पर मुंबादेवी , अम्बा माता व मंदिर परिसर को हापुस आम से सजाया जाएगा। इसके अलावा मंदिर को पूरी तरह से सजाया जाएगा। मुंबादेवी में मां अंबे के दर्शन करने के लिए भक्त देश के कोने कोने से आते है। नवरात्री के समय यहां पर भक्तों की तादाद लाखों में पहुंच जाती है।
क्या है मुंबादेवी का महत्व
मुंबई में पहले से ही मछुआरों की बस्ती होती आ रही है। इन मछुआरों ने समुद्र में आनेवाले तूफान से रक्षा के लिए देवी के एक मंदिर की स्थापना की। इस मंदिर को मुंबादेवी नाम से जाना लगा। मुंबई का नाम भी मुंबादेवी के नाम से ही पड़ा है। कहते हैं दिन के हिसाब से मां मुंबा के वाहन का चयन होता है। सोमवार को मां नंदी पर सवार होती हैं तो मंगलवार को हाथी की सवारी करती हैं। बुधवार को मुर्गा तो गुरुवार को गरुड़ पर मां सवार होती हैं। शुक्रवार को सफेद हंस पर तो शनिवार को फिर से हाथी की सवारी करती हैं। वहीं रविवार को मां का वाहन सिंह होता है।
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