इस वर्ष गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों की संख्या बढ़ाई जाएगी तथा पूरे मुंबई में 204 कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे। साथ ही 69 प्राकृतिक विसर्जन स्थलों की व्यवस्था भी उपलब्ध है। कृत्रिम तालाबों में विसर्जन के लिए श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया बढ़ रही है तथा पिछले ग्यारह वर्षों में कृत्रिम तालाबों में गणेश विसर्जन की संख्या में 371 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (Mumbai BMC creates 204 artificial ponds for Ganesh immersion)
गणेशोत्सव अब बस कुछ ही दिन दूर है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इस दस दिवसीय उत्सव की तैयारी कर ली है। बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने इस वर्ष गणेश विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों की संख्या बढ़ाने की मांग की थी।
तदनुसार, नगर पालिका ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कृत्रिम तालाबों की संख्या में वृद्धि की है। पिछले वर्ष 194 कृत्रिम तालाब थे तथा 76 हजार से अधिक गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया था। पर्यावरण अनुकूल गणेशोत्सव मनाने के लिए नगर पालिका प्रशासन ने मूर्तिकारों को शाडू मिट्टी भी उपलब्ध कराई है। लेकिन अभी भी कई स्थानों पर प्लास्टर ऑफ पेरिस की गणेश प्रतिमाएं लाई जाती हैं। प्लास्टर ऑफ पेरिस की गणेश प्रतिमाओं को प्राकृतिक जलस्रोतों में डालने से जल प्रदूषण होता है।
इसलिए नगर निगम प्रशासन से अनुरोध है कि इन प्रतिमाओं का विसर्जन कृत्रिम तालाब में किया जाए। साथ ही कृत्रिम तालाब घर के आसपास होने से घर में रखी गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए सुविधाजनक हो रही है। इसलिए कृत्रिम तालाबों में प्रतिमाओं के विसर्जन की दर भी बढ़ रही है। कोरोना और छंटनी के दौरान कृत्रिम तालाबों में विसर्जन को मजबूर होना पड़ा। उसके बाद कृत्रिम तालाबों की संख्या में वृद्धि हुई।
इस साल कृत्रिम तालाबों की सूची गूगल मैप्स में दर्ज की जाएगी। साथ ही श्रद्धालुओं को क्यूआर कोड के जरिए कृत्रिम तालाबों की जानकारी मिलेगी। यह क्यूआर कोड गणेश मूर्तिकारों के मंडप के बाहर दृश्य क्षेत्र में लगाया जाएगा। कृत्रिम तालाबों में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन में 371 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और नगर निगम ने गणेश भक्तों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से गणेशोत्सव मनाने के लिए जन जागरूकता पैदा करना शुरू कर दिया है।
भक्तों की प्रतिक्रिया
कृत्रिम तालाबों के प्रति बढ़ती प्रतिक्रिया पिछले 10 वर्षों में बीएमसी ने कृत्रिम तालाबों की संख्या में भारी वृद्धि देखी है। 2012 में केवल 27 कृत्रिम झीलें थीं। पिछले 10 वर्षों में यह संख्या बढ़कर 204 हो गई है। 2012 में 16,276 गणेश प्रतिमाओं का घरेलू और सार्वजनिक रूप से विसर्जन किया गया। पिछले वर्ष यह संख्या 76,709 थी।
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