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मुंबई के 40 फीसदी युवा जी रहे हैं तनाव में


मुंबई के 40 फीसदी युवा जी रहे हैं तनाव में
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मुंबई शहर के 14 से 25 साल उम्र के 40 फीसदी युवा तनाव में अपनी जिंदगी जी रहे हैं, यह खुलासा किया है सांताक्रुज स्थित पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन नामकी संस्था ने। यह बहुत ही चिंताजनक बात है लेकिन उससे भी चिंताजनक बात यह है कि इसकी खबर मात्र 10 फीसदी अभिभावकों को ही है कि उनका बच्चा तनाव में जी रहा है।

'सुंदर दिखना जरुरी है'
'पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन' ने अपने इस सर्वे में मुंबई के 750, बंगलौर के 500, चेन्नई के 650 युवकों को शामिल किया था. जिनमें से 79 फीसदी युवा महिलाएं और 68 फीसदी युवा पुरुष अपने 'लुक' को लेकर तनाव में थे। यही नहीं 68 फीसदी युवा महिला और 48 फीसदी युवा पुरुषों ने कॉस्मेटिक सर्जरी के जरिये अपना 'लुक' बदलने की इच्छा जाहिर की।

'महिलाएं ही पीछे नहीं'
इसके अलावा, इस सर्वे के मुताबिक मुंबई में 38 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि उन्हें स्थायी तनाव का सामना करना पड़ता है और 22 प्रतिशत युवाओं का कहना है कि उन्हें बहुत ही कम समय के लिए ही तनाव से गुजरना पड़ा हैं। इतना ही नहीं, स्थायी तनाव में रहने वाली युवा महिलाओं की संख्या 49 फीसदी तक है, और उनमें से केवल 22 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें कम समय तक स्थायी तनाव का सामना करना पड़ता है।

सोशल मीडिया भी तनाव का कारण 
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर बहुत अधिक समय खर्च करना भी एक तनाव है। सोशल मीडिया पर 79 प्रतिशत लड़कियां और 68 प्रतिशत युवा सक्रिय हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक, इन युवाओं में से 50 प्रतिशत सोशल मीडिया पर दिन में 5 से 10 घंटे बिताते हैं।

वर्तमान में मित्र, रिश्ते, पढ़ाई, ऐसी कई बातें हैं जिसे लेकर युवा तनाव में रहते हैं और जब वे इन सभी चीजों से अधिक परेशान हो जाते हैं तो फिर ये युवा ड्रग्स और आत्महत्या का शिकार होते हैं। चिंताजनक बात यह है कई माता-पिता को इस बात की जरा भी खबर नहीं है कि उनके बच्चे तनाव में जी रहे हैं। 

स्वाती पोपट व्यास, संचालक, पोद्दार इन्स्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन

 

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