मुंबई में मानसून का आगमन हो चूका है। और इसके बाद अब डेंगू और मलेरिया का भी प्रकोप देखने को मिल रहा है। चेंबूर में डेंगू के 7 मरीज पाए गए हैं। इन मरीजों का इलाज जेन अस्पताल में चल रहा है। उपचार के बाद एक मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
डेंगू के लक्षण
जेन अस्पताल के डॉ. विक्रांत शाह ने ने कहा कि डेंगू मरीज के शरीर में पानी का स्तर कम हो जाता है। इडिस मच्छरों के काटने से डेंगू होता है। इस बीमारी में बोन रैकिंग फीवर मतलब तेजी के साथ बुखार फैलता है। इसके लक्षण तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, एनीमिया और शरीर पर लाल रंग के चकत्ते पड़ जाते है। इसे हड्डी तोड़ने वाली बीमारी भी कहा जाता है।
जब इसके उपचार में देरी होती है तब स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है. उस स्टेज को 'डेंगू शॉक सिंड्रोम' कहा जाता है. इस स्थिति में मरीज की मौत हो जाती है.
डेंगू से बचने के उपाय
डेंगू से खुद को बचाने के लिए पहले अपने घर को साफ करें।
ध्यान रखें कि गमले में या छत पर पड़े टायर में पानी जमा न हो पाएं।
मच्छर स्थिर पानी पर प्रजनन करते हैं इसीलिए पानी को ढक कर रखें।
हो सके तो घर में कपूर जलाएं, ताकि उनके धुएं से मच्छर भाग जाएं।