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कोरोना से ठीक होने के बाद 22 मरीज फिर पहुंचे अस्पताल

डॉक्टरों के मुताबिक कोविड से ठीक होने वाले मरीज जब एक महीने बाद तबियत खराब होने की शिकायत लेकर फिर से अस्पताल पहुंचे तो मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Fibrosis) की शिकायत मिली।

कोरोना से ठीक होने के बाद 22 मरीज फिर पहुंचे अस्पताल
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कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के संदर्भ में एक चौकानें वाली खबर सामने आई है।दरअसल कोरोना से संक्रमित 22 मरीज ऐसे हैं जो ठीक होने के बाद अपने घर लौट गए थे, लेकिन अब उनकी तबियत खराब होने के बाद से उन्हें फिर से अस्पताल में दाखिल किया गया है।

इसका मतलब है की, कोरोना से जो मरीज रिकवर हो जा रहे हैं उन पर बीमारी से ठीक होने के बाद भी कोविड का असर देखा जा रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक कोविड से ठीक होने वाले मरीज जब एक महीने बाद तबियत खराब होने की शिकायत लेकर फिर से अस्पताल पहुंचे तो मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Fibrosis) की शिकायत मिली। इस स्थिति में फेफड़ों खराब हो जााते हैं। फेफड़े के टिशू में धब्बे पड़ जाते हैं, जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत आती है। अस्पताल में अब इन मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।

चौकानें वाली बात यह है कि जब ये मरीज कोरोना से ठीक होकर अपने घर गए थे तो उस समय उनके फेफड़ों में कोई शिकायत नहीं थी।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के डीन हेमंत देशमुख ने कहा, कोरोना मुख्य रूप से फेफड़े की बीमारी है। कोरोना से रिकवरी के बाद मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Fibrosis) होने की उम्मीद रहती है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता है। डॉक्टर देशमुख ने बताया कि  पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Fibrosis) का असर लंबे वक्त रहता है। इसको कम करने के लिए मरीज को दवाई दी जा रही है।

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