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कोरोना से लड़ने के लिए BMC को सिर्फ 7 विधायकों ने दिया नाम मात्र का दान, RTI से हुआ खुलासा

पार्टी फंड के नाम और करोड़ों रुपए जमा करने वाले जनता के नुमाइंदों यानी विधायकों की ओर से सिर्फ 1.29 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। वो भी इनमें सिर्फ 7 विधायक ही शुमार है।

कोरोना से लड़ने के लिए BMC को सिर्फ 7 विधायकों ने दिया नाम मात्र का दान, RTI से हुआ खुलासा
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देश की आर्थिक राजधानी और ग्लोबल सिटी के नाम से मशहूर मुंबई (mumbai) में रहने वाले अमीर, वास्तव में कितने गरीब हैं, इसकी एक बानगी RTI के जरिये सामने आई है। RTI से मिली जानकारी के मुताबिक, देश में सबसे अधिक कोविड 19 से प्रभावित मरीजों की संख्या मुंबई में होने के बावजूद भी सरकार और दानवीरों ने मुंबई मनपा को दिल खोलकर मदद नहीं की है। Covid- 19 से लड़ने के लिए BMC को 4 महीने में मात्र 86 करोड़ रुपए का फंड ही जमा हुए हैं। इसमें भी सबसे अधिक हिस्सा मुंबई शहर कलेक्टर का 84 प्रतिशत हैं। यह तब है जब देश के शहरों में मुंबई सबसे अधिक कोरोना वायरस से ग्रसित है।

जाने माने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली (RTI activist anil galgali) ने BMC से जानकारी मांगी थी कि Covid-19 के तहत मुंबई मनपा को प्राप्त फंड की जानकारी दी जाए। BMC ने जो जानकारी उपलब्ध कराई वह काफी चौकानें वाली है।


BMC के वित्त विभाग के प्रमुख लेखापाल कार्यालय ने अनिल गलगली को प्राप्त 5 प्रकार के फंड की जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक पिछले 4 महीने में मुंबई मनपा को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कुल 86 करोड़ 5 लाख 30 हजार 303 रुपए प्राप्त हुए हैं।

इस फंड में मुंबई शहर कलेक्टर ने 72.45 करोड़ रुपए दिए है, जो कि सबसे अधिक धनराशि हैं, और कुल प्राप्त फंड का 84 प्रतिशत भी है। उसके बाद 11.45 करोड़ रुपए मुंबई उपनगर कलेक्टर द्वारा जमा किए गए है। और 50 लाख रुपए वस्त्रोद्योग मंत्रालय ने दिए है। जबकि 35.32 लाख रुपए की मदद निजी लोगों ने की है। पार्टी फंड के नाम और करोड़ों रुपए जमा करने वाले जनता के नुमाइंदों यानी विधायकों की ओर से सिर्फ 1.29 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। वो भी इनमें सिर्फ 7 विधायक ही शुमार है।

इस मुद्दे पर अनिल गलगली ने कहा कि, वास्तव में यह फंड न के बराबर हैं क्योंकि BMC ने अब तक 700 करोड़ से अधिक की धनराशि Covid-19 पर खर्च कर दिए हैं। उन्होंने आगे कहा, इसमें न तो केंद्र ने मदद की और ना मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से कोई आर्थिक सहायता मिली है।

हैरत की बात यह है कि, मुंबई के कमिश्नर, महापौर, आईएएस अधिकारी और नगरसेवकों ने मुंबई मनपा की तिजोरी में Covid-19 के लिए पैसे जुटाने के लिए किसी भी तरह की पहल नहीं की हैं।

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