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मुंबई : बोरीवली से लेकर विलेपार्ले में कोरोना के अधिक मरीज, बिल्डिंग में रहने वाले लोग अधिक हैं प्रभावित

मुंबई उपनगरीय इलाकों में कोरोना का प्रसार लगातार देखने को मिल रहा है। शहर के कुल सक्रिय मामलों में 32 प्रतिशत केस बोरीवली से लेकर विलेपार्ले बेल्ट में पाए गए हैं।

मुंबई : बोरीवली से लेकर विलेपार्ले में कोरोना के अधिक मरीज, बिल्डिंग में रहने वाले लोग अधिक हैं प्रभावित
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शहर के कुल सक्रिय मामलों में 32 प्रतिशत शामिल के साथ पांच उपनगरीय वार्ड पश्चिमी उपनगरों के बोरीवली-विले पार्ले बेल्ट में फिर से उभर रहे हैं।

मुंबई उपनगरीय इलाकों में कोरोना का प्रसार लगातार देखने को मिल रहा है। शहर के कुल सक्रिय मामलों में 32 प्रतिशत केस बोरीवली से लेकर विलेपार्ले बेल्ट में पाए गए हैं।

बृहन्मुंबई नगर निगम (Bmc) द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, मुंबई में 24 फरवरी तक सक्रिय केसों की संख्या कुल 8,320 तक पहुंच गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 24 वॉर्डों में 601 सक्रिय मामलों के साथ आर-सेंट्रल वॉर्ड सबसे ऊपर है। इस वॉर्ड में बोरिवली, गोराई और मागाथाने जैसे इलाके आते हैं। इसके बाद के-वेस्ट, जिसमें अंधेरी वेस्ट, विले पार्ले वेस्ट और जुहू जैसे इलाके शामिल हैं, इसमें 563 सक्रिय मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है।

इस सूची में शीर्ष पांच में से अन्य तीन वार्ड 511 मामलों के साथ आर-साउथ (कांदिवली, चारकोप, पोइसर) है। पी-नॉर्थ (मलाड पूर्व और पश्चिम) ने 507 केस और 502 केस के साथ के-ईस्ट (अंधेरी, विले पार्ले, जोगेश्वरी ई) क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवे नंबर पर है।

इसके विपरीत, दक्षिण मुंबई के इलाको जैसे बी वॉर्ड (डोंगरी), सी (कालवादेवी, भुलेश्वर और मरीन लाइन्स) और ए (चर्चगेट, कोलाबा, कफ परेड और नरीमन प्वाइंट) में सक्रिय कोरोनो वायरस मामलों की संख्या सबसे कम है। बी वार्ड में 60 सक्रिय मामले हैं, जबकि सी वार्ड में 109 और ए वार्ड 201 सक्रिय मामले हैं।

हालांकि, फरवरी के पहले हफ्ते में A वार्ड के इलाकों जिसमें कोलाबा, कफ परेड और चर्चगेट जैसे इलाके हैं वहां कोरोना वायरस के 91 फीसदी तक की वृद्धि देखी गई थी।

जबकि अन्य वार्डों में जैसे 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें आर-नॉर्थ (दहिसर और बोरिवली) 62 प्रतिशत, ई (बाइकुला और मुंबई सेंट्रल) 58 प्रतिशत, एफ-साउथ (परेल और शिवड़ी) 52 प्रतिशत और एम-ईस्ट (गोवंडी) 51 फीसदी केस सामने आए।

हालांकि लोकल बॉडी के अधिकारियों और स्थानीय नगरसेवकों ने कोरोना की दर में वृद्धि का कारण अधिक होने वाली जांच को कारण बताया है। साथ ही लोकल ट्रेनों के भी शुरू होने को इसका जिम्मेदार बताया।

इसके अलावा लोग काम काम के सिलसिले में अब बाहर भी जा रहे हैं। देखने वाली बात यह है कि,  इनमें से अधिकांश मामले गैर-स्लम क्षेत्रों से सामने आ रहे हैं।

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