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कोरोना से ठीक हुए लोग और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी लगवा सकती हैं टीका

NEGVAC ने यह भी कहा है कि, जो महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान करा रही हैं, उन्हें भी कोरोना का टीका लगाया जाना चाहिए। और यह भी स्पष्ट किया है कि, जो लोग कोरोना वैक्सीन के लिए गए लोगों को एंटीजन टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है।

कोरोना से ठीक हुए लोग और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी लगवा सकती हैं टीका
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कोरोना (Covid19) से ठीक होकर घर आने वाले व्यक्ति को कोरोना का टीका कब लगवाना चाहिए? क्या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीका लगाया जा सकता है?  ऐसे कई सवाल लगातार पूछे जा रहे हैं? इसका जवाब अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (health minister) ने दिया है। जिसके अनुसार, कोरोना से ठीक होने के 3 महीने बाद इंसान टीका लगवा सकता हैं। NEGVAC (नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर COVID-19) द्वारा दिए गए निर्देशों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

NEGVAC ने निर्देश दिया है कि, कोरोना से ठीक होने के 3 महीने बाद व्यक्ति को कोरोना का टीका (corona vaccian) लगाया जाना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने NEGVAC के सुझाव को लागू करने का फैसला किया है। यदि कोई व्यक्ति NEGVAC द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद कोरोना वायरस (coronavirus) से संक्रमित हो जाता है, तो उसे कोरोना सेे ठीक होने के 3 महीने बाद दूसरी डोज लेनी चाहिए।

NEGVAC ने यह भी कहा है कि, जो महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान करा रही हैं, उन्हें भी कोरोना का टीका लगाया जाना चाहिए।

और यह भी स्पष्ट किया है कि, जो लोग कोरोना वैक्सीन के लिए गए लोगों को एंटीजन टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है।

टीकाकरण के संबंध में NEGVAC के 4 सुझावों की स्वीकृति

  • जो व्यक्ति कोरोना से ठीक हो गया है, उसे 3 महीने बाद कोरोना का टीका लगाया जा सकता है।
  • अगर कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो उसे दूसरी खुराक कोरोना से ठीक होने के 3 महीने बाद लेनी चाहिए।
  • यहां तक कि जो माताएं अपने बच्चों को स्तनपान करा रही हैं, उन्हें भी कोरोना का टीका लग सकता है।
  • कोरोना वैक्सीन लेने से पहले रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की जरूरत नहीं है।

इस बीच कुछ दिन पहले नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई) की ओर से एक सिफारिश भी की गई थी।

मिली जानकारी के अनुसार, विशेषज्ञों के समूह ने सुझाव दिया कि संक्रमित मरीजों को ठीक होने के छह महीने बाद कोरोना के खिलाफ टीका लगाया जाना चाहिए। साथ ही यह भी सुझाव दिया जाता है कि गर्भवती महिलाओं को कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जाना चाहिए। और यह भी कहा गया कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद किसी भी समय टीका लगाया जा सकता है।

मंगलवार को NIAGI ने भी एक सूचना जारी की।इस सूचना के अनुसार, जो व्यक्ति कोरोना मुक्त हो चुका है उसे टीका लगवाने के लिए 6 से 9 महीने का अंतर रखना चाहिए।

इससे पहले NIAGI ने कोरोना से मुक्त हुए नागरिकों से छह महीने बाद कोरोना की वैक्सीन लगवाने को कहा था। लेकिन अब इस गैप को बढ़ाकर 9 महीने करने का सुझाव दिया गया है।

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