कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण कोरोना को नियंत्रित करने के लिए बच्चों के लिए टिकाकरण शुरू किया गया था। वरिष्ठ नागरिकों से लेकर किशोरों तक का टीकाकरण किया जा रहा है। हालांकि, फिलहाल कोरोना मरीजों की घटती संख्या में टीकाकरण में गिरावट देखने को मिली है। राज्य में कोरोना का टिका लेने के मामले में युवाओं में कमी आई है।
30 फीसदी बच्चों का टीकाकरण पूरा
कोरोना को देखते हुए महाराष्ट्र में बच्चों की सुरक्षा के लिए 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया गया। हालांकि, किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान धीमा हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक 15 से 18 साल के 30 फीसदी बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। करीब 59.52 फीसदी बच्चों ने कोविड वैक्सीन की एक खुराक ली है।
18 फरवरी के बाद से यह संख्या थोड़ी बढ़ी है। 18 फरवरी को, राज्य में औसतन 27 प्रतिशत दोनों खुराक और 57 प्रतिशत पहली खुराक थी। भारत बायोटेक का कोवासिन वैक्सीन 3 जनवरी से 15-18 साल के बच्चों को दिया जा रहा है। मुंबई में किशोरों के टीकाकरण की दर भी राज्य में कम है।
3 मार्च तक शहर में पहली खुराक 54 प्रतिशत है। साथ ही, दोनों खुराक की दर 32% तक पहुंच गई। 18 फरवरी को पहली और दूसरी खुराक क्रमशः 49.9 प्रतिशत और 24.2 प्रतिशत थी।
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