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कोरोना की दूसरी लहर, मई महीने में 18 साल से कम उम्र के केवल 0.07 फीसदी बच्चे ही हुए संक्रमित

राज्य सरकार की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब केंद्र ने कहा कि कोरोना वायरस (covid19) की चपेट में आने वाले बच्चों के लिए आवश्यक देखभाल और बुनियादी ढांचे में कोई कमी नहीं होगी।

कोरोना की दूसरी लहर, मई महीने में 18 साल से कम उम्र के केवल 0.07 फीसदी बच्चे ही हुए संक्रमित
(Representational Image)
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महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) की ओर से मंगलवार को जारी किए गए एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई महीने में 0 से 18 साल की उम्र के सिर्फ 0.07 फीसदी बच्चे ही कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं।

मई 2021 में, शून्य से पांच वर्ष की आयु के कुल रोगियों के यानी 1.33 फीसदी मतलब करीब 1,076 ही कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित थे। जबकि छह से 10 वर्ष (2.37 प्रतिशत) आयु वर्ग के 1,918 रोगी और 6,422 रोगी थे। राज्य में 11 से 18 वर्ष (7.95 प्रतिशत) आयु वर्ग में संक्रमित थे।

इससे पता चलता है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण की दर कम ही है। अप्रैल 2021 में, कुल रोगियों में से शून्य से पांच वर्ष (0.98 प्रतिशत) आयु वर्ग के लगभग 757 मरीज इस महामारी से प्रभावित थे। साथ ही 6-10 वर्षों के मामले में, 510 रोगियों (1.95 प्रतिशत) में इस वायरस का पता चला था और 11-18 आयु के लोगों में यह 6.90 प्रतिशत था।

राज्य सरकार की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब केंद्र ने कहा कि कोरोना वायरस (covid19) की चपेट में आने वाले बच्चों के लिए आवश्यक देखभाल और बुनियादी ढांचे में कोई कमी नहीं होगी। संक्रमित होने वाले केवल 2-3 प्रतिशत बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।

बच्चों में COVID-19 के लक्षण अक्सर ही स्पर्शोन्मुख (asymptomatic) होता है और शायद ही उन्हें कभी अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है। लेकिन, जैसा कि नीति आयोग (niti Aayog) के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा है, इस महामारी विज्ञान की गतिशीलता या वायरल व्यवहार में बदलाव से स्थिति बदल सकती है और संक्रमण की व्यापकता बढ़ सकती है।

इसके अलावा विशेषज्ञों ने भी यह चेतावनी दी है कि, तीसरी लहर, जिसके अगस्त-सितंबर में आने की उम्मीद है, उससे बच्चों और किशोरों को अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने दूसरी लहर में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

जन स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने कहा कि सरकार ने तीसरी लहर के दौरान बच्चों के इलाज के लिए बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य मशीनरी को मजबूत करने के लिए कमर कस ली है। इसके अलावा, प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुहास प्रभु की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का भी गठन सरकार ने किया है।

यही नहीं, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने पिछले छह महीनों के आंकड़ों को ट्रैक किया है और यह स्पष्ट हुआ कि, 0-18 आयु वर्ग के बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण की घटनाओं में बहुत अधिक बदलाव नहीं आया है।

यह भी पढ़ें: कोरोना की दूसरी लहर समाप्ति की ओर, हम फिर भी तैयार: उद्धव ठाकरे

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