मुंबई के सैफी अस्पताल में इलाज करा रही दुनिया की सबसे मोटी महिला इमान अहमद(36) कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाएंगीं। मिस्र की रहने वाली इमान अहमद का इलाज डॉ. मुफज्जल लकड़ावाला बैरिओट्रिक पद्धति से कर रहे हैं। डॉ. लकड़ावाला का कहना है कि बचपन में इमान के पैरों का विकास रुक गया था। वजन कम होने के बाद भी उनके लिए सिर्फ बैठ पाना ही संभव होगा।इमान को फरवरी में जब भारत लाया गया था, तब उनका वजन 498 किलो था। दो महीने के इलाज के बाद अब उनका वजन 250 किलो हो गया है। मिस्र से उन्हें विशेष विमान के जरिये भारत लाया गया था।
उनके इलाज के लिए विशेष कमरे और बेड की व्यवस्था की गयी थी। अब वजन कम होने के बाद उन्हें जल्द ही अस्पताल के मुख्य भवन में शिफ्ट किया जा सकता है। डॉ. लकड़ावाला के अनुसार इमान के मोटापे को लेकर उनका इलाज पूरा कर लिया है और उनके जीवन पर मंडरा रहे खतरे को 60 फीसद तक कम कर दिया है।
अब न्यूरोलॉजी से संबंधित समस्याओं का इलाज किया जाएगा। अब वो बैठ सकती हैं, लेट सकती हैं, लेकिन चलना संभव नहीं है। 11 साल की उम्र में लकवे के कारण उनके पैरों का विकास रुक गया था। उसके बाद पिछले 25 साल से बिस्तर पर पड़े रहने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। डॉ. लकड़ावाला ने यह भरोसा जताया कि मिस्र वापसी के समय इमान अपने दम पर विमान में बैठकर सफर कर सकेंगीं।