केरल में कई लोगों की जान लेने के बाद निपाह वायरस को लेकर अब भारत के कई राज्यों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। मुंबई और पुणे के साथ साथ गोवा सरकार ने भी अपने यहां के सारे अस्पतालों को अलर्ट पर रख दिया है। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजित राणे ने कहा कि केरल से आने वाले लोगों पर यादृच्छिक जांच भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है।
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निपाह वायरस के किसी भी संभावित मामले से निपटने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों और निजी अस्पतालों को भी सतर्क कर दिया गया है। हालांकी स्वास्थ अधिकारियों को इस बात को लेकर भी चिंता है की कही ये वायरस मुंबई या पुणे में भी ना फैल जाए। स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, केंद्र ने सोमवार को राष्ट्रीय निदेशक रोग नियंत्रण (एनसीडीसी) से उच्च स्तरीय टीम को भी केरला रवाना कर दिया है। राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान (एनआईवी) का कहना है की केरल में निपाह वायरस एक छोटे से भौगोलिक क्षेत्र तक सीमित हैै और देश में महामारी का कोई खतरा नहीं है।
"मुंबई में कस्तूरबा गांधी आइसोलेशन वार्ड का निर्माण किया गया है,जहां पहले भी एच वन एन वन वायरस के लिए विभाग था। इसके साथ ही मुंबई के अस्पतालों के डॉक्टर और नर्सों को भी सलाह दी गई है की वो प्रोटेक्टिव ग्लव्स का इस्तेमाल करें। यदि मुंबई में कोई भी परोक्त लक्षणों से पीड़ित हैं तो ,तुरंत उसका इलाज कराया जाए और उसे सरकारी अस्पताल में जाने की सलाह दी जाए। - महाराष्ट्र के स्वास्थ मंत्री डॉ.दीपक सावंत
कैसे पड़ा इस वायरस का नाम
1998 में ये वायरस पहली बार मलेशिया के कपुंग सुंगई निपाह नाम के शहर में पाया गया था। इस शहर के नाम पर ही इस वायरस का नाम निपाह वायरस पड़ा।
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