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गृह मंत्रालय ने दी चेतावनी, टीका लगवाने के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट को सोशल मीडिया में न करें शेयर

सर्टिफिकेट पर लगे क्यूआर कोड (QR code को स्कैन करने के बाद अन्य जानकारी भी मिलती है। इस जानकारी से आरोपी व्यक्ति को कॉल कर उनसे अन्य निजी जानकारियां जुटा सकता है। इस निजी जानकारी में फोन नंबर, ओटीपी आदि शामिल हो सकते हैं।

गृह मंत्रालय ने दी चेतावनी, टीका लगवाने के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट को सोशल मीडिया में न करें शेयर
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आज कल यह ट्रेंड चल पड़ा है कि कई लोग वैक्सीन लेने के बाद सरकार से मिले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट (vaccination certificate) को लोगों की लाइक्स और कमेंट्स के चक्कर में सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं। लेकिन अगर आप भी उन लोगों में से हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि इस प्रमाणपत्र से आपका निजी डेटा लीक होने की संभावना है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है।

गृह मंत्रालय के अनुसार, टीकाकरण प्रमाणपत्र में लाभार्थी के नाम, उम्र, लिंग और अगली खुराक की तारीख सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी होती है। यह जानकारी अपराधियों के काम आ सकती है। इसी से संबंधित गृह मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (साइबर फ्रॉड) पर एक पोस्टर भी जारी किया है।

जिसमें कहा गया है कि, सर्टिफिकेट पर लगे क्यूआर कोड (QR code को स्कैन करने के बाद अन्य जानकारी भी मिलती है। इस जानकारी से आरोपी व्यक्ति को कॉल कर उनसे अन्य निजी जानकारियां जुटा सकता है। इस निजी जानकारी में फोन नंबर, ओटीपी आदि शामिल हो सकते हैं। इससे साइबर धोखाधड़ी हो सकती है।

इस संबंध में जालंधर साइबर क्राइम के एसपी रवि कुमार ने कहा कि, कई लोगों ने टीकाकरण प्रमाण पत्र में प्रमाण के तौर पर पैन और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। इससे आपका सारा डेटा साइबर अपराधियों और धोखाधड़ी में चला जाता है।

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