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मुर्दाघरों में शवों की भरमार, शवों का एंटीजन टेस्ट कर सौपें जाएंगे परिजनों को

राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए एक नए परिपत्र में कहा गया है कि संक्रमण की जांच के लिए TrueNat/CBNAAT जैसे परीक्षण किए जाएंगे। ताकि शवों को संबंधित परिवार या लोगों को जल्दी से सौंप दिया जा सके।

मुर्दाघरों में शवों की भरमार, शवों का एंटीजन टेस्ट कर सौपें जाएंगे परिजनों को
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महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल (government hospital of maharashtra) में आने वाले प्रत्येक डेडबॉडी (deadbody) का अब एंटीजन परीक्षण (antigen test) करने का निर्णय लिया गया है। कोरोना (Covid-19) के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में एक परिपत्र भी जारी किया है।

राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए एक नए परिपत्र में कहा गया है कि संक्रमण की जांच के लिए TrueNat/CBNAAT जैसे परीक्षण किए जाएंगे। ताकि शवों को संबंधित परिवार या लोगों को जल्दी से सौंप दिया जा सके।


... तो इसलिए लिया गया निर्णय

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, महाराष्ट्र के ज्यादातर जिला अस्पतालों में शवों का पोस्ट मार्टम (post martem) काफी अधिक मात्रा में हो रहा है। उदाहरण के लिए पुणे (pune) के ससून जनरल अस्पताल में, प्रतिदिन 40 से 50 मरीजों की मौत हो रही है जबकि कम से कम 15 शव बाहर से लाये जाते हैं। इसी तरह से नागपुर (nagpur) गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में हर दिन औसतन 30 से 35 मरीजों की मौत हो रही है और 10 शव बाहर से लाए जा रहे हैं। इन अस्पतालों के मुर्दाघरों में अब शव रखने की भी जगह नहीं बची है। इन सभी शवों को टेस्ट होने के बाद ही परिजनों को सौंपा जाना है। लेकिन टेस्ट होने में देरी हो रही है।

एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि कोरोना के कारण लगातार मृतकों की संख्या बढ़ रही है। इसके बाद इन सभी डेडबॉडी का एंटीजन टेस्ट (antigen test of dead body) करने का निर्णय लिया गया है।

इससे एक फायदा यह होगा कि, इस टेस्ट से एक घंटे में ही इन टेस्टों के परिणाम सामने आ जाते हैं, जिसके बाद बॉडी को परिजनो को सौपना आसान हो जाएगा और यह काम काम जल्दी जल्दी हो सकेगा। इससे मुर्दाघरों में रखे शवों की संख्या मे काफी कमी आ सकती है।

फोरेंसिक पोस्ट मार्टम नहीं? 

परिपत्र में यह भी कहा गया है कि संदिग्ध कोरोना संक्रमण वाले शवों को अस्पताल में मेडिको कानून के तहत लेबल लगाया जा सकता है। आपातकाल के मामले में तैनात डॉक्टर शवों पर लेबल लगाकर शव को मुर्दाघर भेजेंगे और पुलिस को सूचित करेंगे।

मौत का कारण जानने के लिए पुलिस शव का मेडिको लीगल शव परीक्षण कराकर आगे की कार्रवाई करेगी। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ऐसे मामलों में फोरेंसिक शव परीक्षण नहीं किया जाएगा।

क्या है एंटीजन टेस्ट?

कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजन परीक्षण किया जाता है। यह संदिग्ध मरीज की नाक से स्वैब निकालकर उसका परीक्षण करके किया जाता है। जिसका परिणाम एक घंटे से भी कम समय में आ जाता है। यदि परिणाम सकारात्मक है, तो इसे लगभग 100% विश्वसनीय माना जा सकता है। लेकिन 30 से 40 प्रतिशत मामलों में, यह नकारात्मक भी हो सकता है।


महाराष्ट्र की स्थिति

चिंताजनक

महाराष्ट्र देश का सबसे अधिक कोरोना प्रभावित राज्य है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र में अब तक 10 लाख 77 हजार 374 लोगों में कोरोना संक्रमण का पता चला है। जिसमें से 29 हजार 114 लोगों की मौत हो चुकी है।

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