महाराष्ट्र सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरो और कर्मचारियों को निपाह वायरल पहचानने के लिए ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। आपको बता दे की निपाह वायरस से केरल में कई लोगों की जान जा चुकी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, निपा वायरस के लिए मौत की दर 40 प्रतिशत प्रतिशत और 75 के बीच अनुमान लगाया गया है।
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महाराष्ट्र राज्य के एक स्वास्थ अधिकारी का कहना है की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों का निदान और संचरण के लक्षणों का निदान किया जा रहा है। हम उन्हें वायरस को पहचानने की ट्रेनिंग दे रहे है, जिससे वायरस को जल्द से जल्द पता किया जा सके।
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फिलहाल वायरस का मुकाबला करने के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, संक्रमण बीमार सूअरों और स्थानिक क्षेत्रों और फलों आंशिक रूप से संक्रमित चमगादड़ या कच्चे खजूर रस, ताड़ी, रस पीने से फैलता है।