मुंबई (Mumbai) में इस साल अगस्त के महीने में जोरदार बारिश हुई है। बारिश (Mumbai Rains) के मौसम में वैसे भी लोगों को खतरा रहता है। पर इस साल तो हमारे सामने महामारी कोरोना (Coronavirus) ही खड़ा है। इसके अलावा मुंबईकरों की नींद हराम करने के लिए मलेरिया (Malaria) भी तेज गति से कदम पसार रहा है। मुंबई में 31 अगस्त तक मलेरिया के 1137 केस दर्ज किए गए हैं। साथ ही इस बीमारी ने दो लोगों की जान भी ले ली है।
बीते साल अगस्त महीने में मलेरिया का आंकड़ा इस साल की तुलना में कम था। पिछले साल 824 मलेरिया के मामले दर्ज हुए थे। मलेरिया के अलावा में मुंबई में लेप्टोस्पायरोसिस का भी खतरा बना हुआ है।
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पिछले साल मुंबई में डेंगू के 49 डेंगू (Dengue) मामले रजिस्टर हुए थे, इस साल यह संख्या 45 है। इसके अलावा, गैस्ट्रोएंटेराइटिस के 53 मामले, हेपेटाइटिस के 10 मामले और एच1 एन1 का एक मामला सामने आया है। इस बीच बीएमसी ने मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए संदिग्ध रोगियों पर रक्त परीक्षण करने पर जोर दिया है। डोर-टू-डोर सर्वे पर भी जोर है। तेजी से एंटीजन टेस्ट कराकर मलेरिया बुखार के निदान के प्रयास किए जा रहे हैं।
निर्माण क्षेत्र में सर्वेक्षण की गति भी बढ़ गई है। निजी डॉक्टरों को भी निर्देश दिया गया है कि वे मलेरिया का शीघ्र निदान करें।
मरीजों की संख्या
बीमारी | अभी तक के रोगियों की संख्या | 2019 में रोगियों की संख्या |
मलेरिया | 1137 (2 मृत्यू) | 824 |
लेप्टोस्पायरोसिस | 45 | 49 |
स्वाइन फ्लू | 1 | 36 |
गॅस्ट्रो | 53 | 623 |
हेपेटायटिस | 10 | 147 |
डेंग्यू | 10 | 134 |
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