Advertisement

कोरोना रोगियों की पहचान हो सार्वजनिक - मनसे

राज्य में कोरोना से पीड़ित लोगों की संख्या कुल 42 तक पहुंच गई है। जबकि कुछ स्थानों पर अभी भी कोरोना के संदिग्धों में वृद्धि हो रही है।

कोरोना रोगियों की पहचान हो सार्वजनिक - मनसे
SHARES


कोरोना (Coronavirus) से पीड़ित लोगों की पहचान छुपाने की नीति का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(Maharashtra navnirman sena)  यानी मनसे ने विरोध किया है। मनसे ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि कोरोना से पीड़ित रोगियों की पहचान सार्वजनिक होनी चाहिए। मनसे ने इस मांग का आधार जनजागृति फैलाना बताया है।

राज्य में कोरोना से पीड़ित लोगों की संख्या कुल 42 तक पहुंच गई है। जबकि कुछ स्थानों पर अभी भी कोरोना के संदिग्धों में वृद्धि हो रही है। 

इस बात की भी जानकारी सामने आ रही है कि कई स्थानों पर कोरोना के मरीजों को बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन ऐसे मरीजों को लोगों से अलग रख कर उनका इलाज भी किया जा रहा है और उनकी पहचान भी छुपाई जा रही है। इसी बात को लेकर मनसे ने नाराजगी जताई है।

इस बारे में मनसे के नेता संदीप देशपांडे का कहना है कि कोरोना से ग्रसित लोग कोई अपराधी नहीं हैं। उन्हें HIV जैसी बीमारी नहीं है। वे जानबुझ कर कोरोना के संपर्क में नहीं आये हैं। इसलिए उनकी पहचान छुपाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। उल्टा उनकी पहचान सामने लाने से लोगों में जागरूकता सामने आएगी।

देशपांडे ने आगे कहा, अगर कोई पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो वह खुद सामने से आकर अपना इलाज करा सकेगा।

वैसे यह बात समझ से परे है कि आखिर कोरोना पीड़ितों की पहचान छुपा कर सरकार क्या साबित करना चाहती है। और मरीजों को बहिष्कार की नहीं सहानुभूति और इलाज की जरूरत है, जिससे उन्हें भी आंतरिक संबल मिल सके और वे कोरोना जैसे वायरस से लड़ सके।

Read this story in मराठी
संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें