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मुंबई- बीएमसी ने तपेदिक और कुष्ठ रोग के मामलों का पता लगाने के लिए एक संयुक्त अभियान शुरू किया


मुंबई-  बीएमसी ने तपेदिक और कुष्ठ रोग के मामलों का पता लगाने के लिए एक संयुक्त अभियान शुरू किया
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बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग की ओर से 20 नवंबर से तपेदिक और कुष्ठ रोग पहचान अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में जन जागरूकता के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। तपेदिक और कुष्ठ रोगी. यह अभियान छह दिसंबर तक चलाया जायेगा।

केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य के अनुसार, वर्ष 2025 तक मुंबई को तपेदिक से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के दिशानिर्देशों के अनुसार, वर्ष 2030 तक कुष्ठ रोग उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। तय करना। इस अवसर पर 20 नवंबर से 6 दिसंबर तक मुंबई में संयुक्त तपेदिक खोज अभियान और कुष्ठ रोग खोज अभियान चलाया जाएगा।

इस अभियान के दौरान नये पाये गये कुष्ठ एवं क्षय रोगियों का पंजीकरण किया जायेगा। साथ ही इन मरीजों को नगर निगम के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों, क्लीनिकों और अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा. उसके बाद आगे की स्वास्थ्य जांच एवं उपचार निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।

बीएमसी का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग मुंबई के सभी 24 डिवीजनों में 28 चिकित्सा प्रयोगशालाओं में संचालित मशीनों के माध्यम से टीबी रोगियों को विभिन्न नैदानिक सेवाएं प्रदान कर रहा है। मुंबई में टीबी रोगियों की सेवा के लिए 211 स्वास्थ्य केंद्र और 186 नगरपालिका क्लीनिक, 16 सामान्य अस्पताल, 5 मेडिकल कॉलेज और 200 निजी क्लीनिक काम कर रहे हैं।

मल्टी ड्रग प्रतिरोधी टीबी रोगियों के लिए पूरे मुंबई में 27 डीआर टीबी उपचार केंद्र हैं। जिनमें से 7 डीआर टीबी उपचार केंद्र निजी हैं। जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि सभी टीबी रोगियों को उपचार के दौरान पोषण संबंधी सहायता के लिए केंद्रीय क्षय रोग विभाग के माध्यम से उनके बैंक खाते में 500 रुपये प्रति माह जमा किए जाते हैं।

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