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राहत! अप्रैल से मुंबई में सील की हुई इमारतों की संख्या में आई 98 फीसदी तक की कमी

पिछले चार महीनों में मुंबई में सील की गई इमारतों की संख्या में लगभग 98% की कमी आई है। फिलहाल, वर्तमान में शहर मेंं केवल सील की गई इमारतों की संख्या घट कर 21 पर आ पहुंची है।

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कोरोना (covid19) की दूसरी लहर मुंबई में अब शांत हो गई है। विशेषज्ञ भी अब मान रहे हैं कि मुंबई में दूसरी लहर थम गई है। हाल ही में इस बात की पुष्टि स्वयं आदित्य ठाकरे (aditya thackeray) ने करते हुए कहा था कि मुंबई (Mumbai) में कोई कंटेन्मेंट जोन (contement zone) नहीं है। इसके अलावा अब पिछले चार महीनों में मुंबई में सील की गई इमारतों की संख्या में लगभग 98% की कमी आई है। फिलहाल, वर्तमान में शहर मेंं केवल सील की गई इमारतों की संख्या घट कर 21 पर आ पहुंची है।

कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने कहा, ''मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट आ रही है। अधिकारी ने सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा, "हमने अभी अनलॉक करना शुरू किया है। अगर लोग कोविड नियमों का ठीक से पालन नहीं करते हैं और टीकाकरण नहीं करवाते हैं, तो हम एक और लॉकडाउन लगा सकते हैं।"

यदि जिस इमारत में पांच या उससे अधिक निवासी covid -19 पॉजिटिव मिलते हैं, तो BMC उस इमारत को सील कर देती है। अगर किसी बिल्डिंग में पांच से कम केस पाए जाते हैं तो जिस फ्लोर पर मरीज रहता है उस फ्लोर को ही सील कर दिया जाता है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में सील किए गए फ्लोर की संख्या 10,983 पर पहुंच गई।  लेकिन अब यह घटकर 1,116 पर आ गयी है।

मार्च 2020 में महामारी फैलने के समय में कोई कंटेन्मेंट जोन नहीं था। दूसरी लहर के दौरान अप्रैल महीने में यानी कोरोना जब चरम पर था, उस समय शहर में लगभग 2,800 कंटेन्मेंट जोन थे। इन क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए बीमसी भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में बैरिकेड्स लगाती है।

BMC के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने शहर में मौजूदा कोविड प्रवृत्ति का विश्लेषण किया और पाया कि नए मामले मुख्य रूप से ऊंची इमारतों से सामने आ रहे थे और शहर के किसी भी हिस्से में इन मामलों का कोई समूह नहीं था।

दहिसर से शिवसेना के पूर्व पार्षद अभिषेक घोषालकर ने कहा कि, दूसरी लहर में स्लम या झुग्गियों में कोरोना नहीं फैला। उदाहरण के लिए, दहिसर में गणपत पाटिल नगर जो 60 हजार से अधिक आबादी वाली सबसे बड़े स्लम इलाके में से एक है, जब यह हॉटस्पॉट था तब पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में यहां कम मरीज थे। मई महीने में मामले बढ़े तो BMC ने इलाके को सील कर दिया। इससे दहिसर में संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिली।"

गोरेगांव में, भाजपा की नगरसेवक श्रीकला पिल्लई, जिनके वार्डों में भगत सिंह नगर 1 और 2, लक्ष्मी नगर और इंदिरा नगर जैसी झुग्गियां शामिल हैं, ने कहा कि पहली लहर झुग्गी-झोपड़ियों में आई। क्योंकि लोगों को घर चलाने के लिए घर से बाहर काम करना पड़ता था।

माटुंगा-सायन के भाजपा पार्षद नेहल शाह ने कहा कि, झुग्गीवासियों ने दूसरी लहर तक एंटी बॉडी विकसित कर ली है। शायद तीसरी लहर फिर से आने की संभावना है। लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करके तीसरी लहर को रोक सकती है कि झुग्गीवासियों को टीके की कम से कम एक खुराक तो मिल ही जाए। ”

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