हाल ही में आरटीआई
एक्टिविस्ट शकील अहमद शेख द्वारा दायर की गई राइट टू इन्फॉर्मेशन (RTI)
में यह बात सामने आई है
कि BYL
नायर हॉस्पिटल को डॉ.पायल तडवी के आत्महत्या का मामला सामने आने के पहले
रैगिंग की 4
शिकायतें मिली थीं।
आधिकारिक प्रतिक्रिया के अनुसार,
पहली शिकायत 2 रेजिडेंट
जूनियर डॉक्टरों को 2014
में दूसरे साल
के वरिष्ठ डॉक्टरों
के खिलाफ मिली थी। अन्य 2
शिकायतें
2015 में एक टोल-फ्री नंबर के माध्यम से दर्ज की गई थीं जो एंटी-रैगिंग समिति द्वारा दी
गई थीं। 2018 में डॉ.पायल तडवी ने खुद एक शिकायत की।
छात्रों और अभिभावकों के साथ इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अस्पताल की एंटी-रैगिंग समिति ने अगस्त 2013
से
21 बैठकें आयोजित की हैं। हालांकि,
रिपोर्ट
के अनुसार पैनल वास्तव में छात्रों से व्यक्तिगत रूप से केवल एक बार मिला था वो भी अगस्त 2017
में। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अस्पताल के अधिकारियों ने दो छात्रों को छह महीने के लिए छात्रावास से निलंबित कर दिया था और दो अन्य छात्रों को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था।
विशेष रूप से, पिछले सप्ताह, BYL नायर अस्पताल मुंबई में डॉक्टरों की शिकायतों के लिए एक काउंसलर नियुक्त करने वाला पहला अस्पताल बन गया और वरिष्ठ और जूनियर डॉक्टरों के बीच एक बैठक आयोजित की जिससे उन्हें तनाव के माहौल के बारे में जानने में आसानी हो सके।
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