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राज्य में अब तक डेल्टा प्लस के 65 मरीज आए सामने

सामने आने वाले नए मरीजों में 20 मरीजों में मुंबई से 7, पुणे से 3, नांदेड़, गोंदिया, रायगढ़, पालघर से 2-2 और चंद्रपुर, अकोला से 1-1 हैं।

राज्य में अब तक डेल्टा प्लस के 65  मरीज आए सामने
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जीनोमिक सिक्वेसिंग' के माध्यम से CSIR-IGIB प्रयोगशाला ने महाराष्ट्र (maharashtra) में 20 और डेल्टा प्लस (delta plus) रोगियों की पहचान की है। इस रिजल्ट के बाद राज्य में अब तक मिले डेल्टा प्लस मरीजों की संख्या बढ़कर कुल 65 हो गई है। सामने आने वाले नए मरीजों में 20 मरीजों में मुंबई से 7, पुणे से 3, नांदेड़, गोंदिया, रायगढ़, पालघर से 2-2 और चंद्रपुर, अकोला से 1-1 हैं।

कोरोना (covid19) की रोकथाम और नियंत्रण के उपायों के एक अभिन्न अंग के रूप में कोरोना वायरस की जीनोमिक सिक्वेसिंग नियमित रूप से की जाती है। इस जीनोमिक सिक्वेसिंग टेस्ट से पता चलता है कि राज्य में 80 प्रतिशत से अधिक नमूनों में डेल्टा प्रकार पाए जाते हैं। सर्वेक्षण में अब तक राज्य में 65 डेल्टा प्लस वेरिएंट (delta plus variant) की पहचान की गई है। राज्य में अब तक मिले 65 डेल्टा प्लस मरीजों में 32 पुरुष और 33 महिलाएं हैं।

सबसे ज्यादा 33 डेल्टा प्लस के मरीज 19 से 45 साल के आयु वर्ग के हैं, इसके बाद 46 से 60 साल के आयु वर्ग के 17 मरीज हैं।  इनमें 18 साल से कम उम्र के 7 बच्चे और 60 साल से ऊपर के 8 मरीज हैं।

अब तक रिपोर्ट किए गए 65 रोगियों में से, रत्नागिरी जिले में एक मौत को छोड़कर, डेल्टा प्लस के रोगियों में बीमारी की घटना हल्के से मध्यम लक्षण के हैं।

सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि, वायरस अपने आनुवंशिक स्वरूप को बदलना जारी रखता है, जो कि वायरस के प्राकृतिक जीवन चक्र का हिस्सा है। इसलिए आम डरे नहीं, यह खतरनाक नहीं है, इसका इलाज है।

अनुवांशिक सीक्वेंस यह प्रयोगशाला सर्वेक्षण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। यह अनुवांशिक अनुक्रमण दो प्रकार से किया जाता है।

1) सेंटीनल सर्वेक्षण राज्य में 5 प्रयोगशालाओं और 5 अस्पतालों को सेंटीनल सेंटर के रूप में चुना गया है। प्रत्येक सेंटीनल सेंटर हर पखवाड़े में 15 प्रयोगशाला नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान संस्थान, पुणे को आनुवंशिक अनुक्रमण के लिए भेजता है।

2) अनुवांशिक क्रम निर्धारणा के लिए CSIR  महाराष्ट्र सरकार ने अनुवांशिक अनुक्रमण सर्वेक्षण में तेजी लाने के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तहत काम करने वाली प्रयोगशाला जीनोमिक्स और एकीकृत जीवविज्ञान संस्थान के साथ एक समझौता किया है। प्रयोगशाला हर महीने प्रत्येक जिले से 100 प्रयोगशाला नमूनों का परीक्षण करती है।

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