'चिराग तले अंधेरा', यह कहावत ठाणे म्युनिसिपल कमिश्नर संजीव जायसवाल पर पूरी तरह से फिट बैठती है। अभी कुछ दिन पहले यानि बारिश का मौसम शुरू हों के पहले इन्होने आदेश दिया था कि शहर में जितने में वाहन रिपेयरिंग करने वाले गैरज और टायर बेचने वाले हैं वे अपने यहाँ से खाली टायर हटा लें वर्ना कार्रवाई की जाएगी। ऐसा इसीलिए क्योंकि इन्ही खाली टायरों में पानी जमा होता है और फिर वहां बीमारी वाले मच्छर पैदा होते हैं। लेकिन खुद इस आदेश को जारी करने वाले कमिश्नर के घर के दो सदस्यों में डेंगू के लक्षण मिले हैं।
बताया जाता है कि कमिश्नर संजीव जायसवाल की पत्नी और बेटी बीमार हो गयीं थीं, जब उनकी जांच की गयी तो उनमें डेंगू के लक्षण मिले। दोनों को ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल में उपचार चल रहा है।
अब सवाल खड़ा होता है जिस कमिश्नर के कंधे पर पूरे शहर की जिम्मेदारी है जब वो अपने घर में साफ़ सफाई नहीं रख पा रहे हैं तो शहर को कैसे साफ़ रखेंगे?