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मुंबई में बच्चों में अब पाई जा रही ये नई बीमारी

पिम्स, जापान के बाल रोग विशेषज्ञ टोमिसाकु कावासाकी द्वारा पहली बार खोजी गई थी। यह कावासाकी बीमारी का ही एक अलग प्रकार है।

मुंबई में बच्चों में अब पाई जा रही ये नई बीमारी
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महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कहर के बाद अब बच्चों में एक नई बीमारी देखी जा रही है।  मुंबई के वाडिया चिल्ड्रन अस्पताल में अब तक क़रीब 100 बच्चे कोरोना पॉजिटिव है।  जिनमें से 18 बच्चे PMIS यानी (Paediatric Multisystem Inflammatory Syndrome) का शिकार हैं। इस कारण अब तक दो बच्चों की मौत हो चुकी है। पिम्स नाम की नई और दुर्लभ बीमारी कोरोना इंफ़ेक्शन के वक्त या फिर थोड़े समय के बाद बच्चों में देखी जा रही है।

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पिम्स, जापान के बाल रोग विशेषज्ञ टोमिसाकु कावासाकी द्वारा पहली बार खोजी गई थी। यह कावासाकी बीमारी का ही एक अलग प्रकार है। इसके लक्षण हैं बुखार आना, स्किन मे रैश होना, आंखें लाल होना, सुस्त रहना, पेट से जुड़ी समस्या है। जो संक्रमण के बीच रह रहे बच्चों को घेरती है। पर कावासाकी छोटे बच्चों में देखने को मिलती है। जबकि भारत में पिम्स 10 महीने से लेकर 15 साल तक के बच्चों में देखने को मिल रहा है। और वक्त पर इलाज ना मिले तो ये स्थिति चिंताजनक हो सकती है।

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इस बीमारी में 100 के आसपास बुख़ार होता है.  बुख़ार के साथ पेट में दर्द, जुलाब उल्टी हो सकता है। 100 प्रतिशत रोगी को बुख़ार, 80 प्रतिशत को जुलाब उल्टी, 60 प्रतिशत बच्चों की आंखें लाल होती हैं दूसरे 50-60 प्रतिशत बच्चों की ज़ुबान लाल होती है छाले हो सकते हैं. 20-40 प्रतिशत बच्चों को बॉडी में रैश आ सकते हैं. इसपर ध्यान दें अगर दो या तीन सिम्प्टम आए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए।

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