28 मई को विश्व मासिक धर्म दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणा को दूर करना और महिलाओं तथा किशोरियों को महावारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी देना है। वर्ष 2014 से ही हर साल 28 मई को यह दिवस मनाया जाता है।
इस मौके पर बालविकास मंत्री पंकजा मुंडे की अध्यक्षता में एक जनजागृती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मासिक धर्म के समय महिलाओं और किशोरियों को साफ़ सफाई किस प्रकार की जानी चाहिए, उसका प्रबंधन किस तरह का होना चाहिए, जैसे मुद्दे पर लोगो को बताया गया।
आज जब हम 21वीं सदी में हैं जब एक क्लिक पर दुनिया की कोई भी जानकारी ले सकते हैं उसके बाद भी इस मुद्दे पर समाज में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। किशोरियां मासिक धर्म के कारण स्कूल जाने में नागा करती हैं। मासिक धर्म सम्बन्धी अस्वच्छता से अनेक संक्रमण, सूजन, मासिक धर्म सम्बन्धी ऐठन, और योनिक रिसाव आदि स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ भी आती हैं। मासिक धर्म, एक किशोरी या महिला के लिए प्राकृतिक रूप से स्वस्थ होने का संकेत है, न कि शर्मसार या डरने या घबड़ाने वाली कोई घटना। एक सर्वे के अनुसार शहरों में 12 फीसदी तो ग्रामीण भागों में मात्र 2 फीसदी महिलाएं सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग करती हैं।
एक तरफ जहाँ सैनिटरी नैपकिन को लेकर एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार इस पर टैक्स भी लगा रही है। अभिनेता अक्षय कुमार ने भी इस मुद्दे पर एक ट्वीट किया है
Break the silence on menstruation, periods are nothing to hide! https://twitter.com/hashtag/MenstrualHygieneDay?src=hash">#MenstrualHygieneDay --> https://t.co/BoNedwz20C">https://t.co/BoNedwz20C https://t.co/DvV0HvEsHx">pic.twitter.com/DvV0HvEsHx
— Akshay Kumar (@akshaykumar) https://twitter.com/akshaykumar/status/868737474163466240">May 28, 2017
इस मुद्दे पर अन्य लोगों ने क्या कहा...
मासिक धर्म को लेकर महिलाओ के साथ साथ पुरुषो को भी जागरूक होने की जरुरत है। साथ ही इस मुद्दे पर सरकार को भी आगे आना चाहिए। ग्रामीण भागो में आज भी महिलाओ को सैनिटरी नैपकिन की जानकरी नहीं है कि उसका उपयोग किस तरह किया जाना चाहिए जबकि दुसरे देशों में सैनिटरी नैपकिन बांटा जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इस तरह का कोई कार्य नहीं किया जाता है। सरकार ने जिस तरह सैनिटरी नैपकिन पर टैक्स लगाया है उसे लेकर हमारा विरोध जारी रहेगा। आने वाले 10 दिनों में सरकार को इस विषय और निर्णय लेना होगा- शालिनी ठाकरे, मनसे नेता
इस दिन को केवल मनाने से कुछ नहीं होगा। इसे लेकर पुरुषों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। महिलाओं को इस पर झिझकने की कोई जरुरत नहीं है।जहां सैनिटरी नैपकिन नहीं है वहां इस बारे में महिआलो को कोई जानकारी नहीं है- ओवी साल्वे
एक तरफ सरकार मासिक धर्म को लेकर सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करने को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है तो दूसरी तरफ सैनिटरी नैपकिन पर टैक्स बढ़ा कर जागरूकता अभियान की खिल्ली उड़ा रही है-करिश्मा भोईर
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