वर्तमान में देश में कोरोना टीकाकरण (Corona vaccination) अभियान जोरों पर है। 1 मई से, 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को भी कोरोना के खिलाफ टीका लगाया जाएगा। पंजीकरण प्रक्रिया आज (बुधवार) से भी शुरू हो गई है।
शुरुआत में टीका आपातकालीन सेवा कर्मियों को दिया गया था। उसके बाद, 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और फिर 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को चरणों में टीका लगाया गया। अब, केंद्र सरकार ने 1 मई से कोरोना के खिलाफ 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को टीकाकरण की अनुमति दी है।
हालाँकि, 45 वर्ष से अधिक आयु के अधिकांश नागरिकों का टीकाकरण नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों से घबराए, कई लोगों ने टीका लगाने से परहेज किया है। क्योंकि ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि उन्हें टीका क्यों लगाया जाना चाहिए। आइए आज जानें कि कोरोना वैक्सीन की आवश्यकता क्यों है।
कोरोना को रोकने के लिए कोरोना वैक्सीन लेने की गलत धारणा को पहले दूर किया जाना चाहिए।
कोरोना वैक्सीन को कोरोना की गंभीरता या मृत्यु दर को कम करने के लिए दिया जाता है।
भारत में अनुमत टीकों को संशोधित किया गया है।
इसलिए, टीके की दो खुराक लेने के बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का उत्पादन किया जाएगा।
शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता एंटीबॉडी में वृद्धि से तीन गुना अधिक है।
जैसे-जैसे एंटीबॉडी (Antibody) बढ़ती हैं, वैसे-वैसे इम्युनिटी (immunity) बढ़ती है।
टीकाकरण के बाद अस्पताल में प्रवेश की दर 85% कम हो गई थी।