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मुंबई लाइव की तरफ से थैलेसीमिया मरीजों के लिए एक पहल


मुंबई लाइव की तरफ से थैलेसीमिया मरीजों के लिए एक पहल
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मुंबई - द विशिंग फैक्ट्री एनजीओ की तरफ से एनसीपीए के पिरामल हॉल में थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। 24 तारीख से शुरू हुए इस फोटो प्रदर्शनी का कार्यक्रम 26 तारीख तक चलेगा। मुंबई लाइव इस कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर है जो कि इस बीमारी से लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहा है।

इस कार्यक्रम का नाम ‘स्माइल डेसपाइट एवरीथिंग’ है। द विशिंग फैक्ट्री द्वारा आयोजित की जाने वाली यह भारत की पहली फोटो स्टोरी प्रदर्शनी है। जिसमें थैलेसीमिया से फाइट करने वालों की स्टोरी प्रदर्शित की जाएगी।

क्या है थैलेसीमिया ?

थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को इन दिनों रक्त की समस्या से जूझना पड़ रहा है। थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त-रोग है। इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण रक्तक्षीणता के लक्षण प्रकट होते हैं। इसकी पहचान तीन माह की आयु के बाद ही होती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। 

रक्तदान कर बचाएं थेलेसीमिया पीड़ित की जान

थेलेसीमिया पी‍डि़त के इलाज में काफी बाहरी रक्त चढ़ाने और दवाइयों की आवश्यकता होती है। इस कारण सभी इसका इलाज नहीं करवा पाते। जिससे 12 से 15 वर्ष की आयु में बच्चों की मृत्य हो जाती है। भारत की कुल जनसंख्या का 3.4 प्रतिशत भाग थैलेसीमिया ग्रस्त है। इस रोग का फिलहाल कोई ईलाज नहीं है। रक्त की भारी कमी होने के कारण रोगी के शरीर में बार-बार रक्त चढ़ाना पड़ता है। रक्त की कमी से हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है। थेलेसीमिया को लेकर हो रही रक्त की कमी पर बड़े डॉक्टर्स भी चिंता जता रहे हैं।

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