मुंबई (Mumbai) के CSMT केे बाहर स्थित हिमालय पुल (himalayan bridge) दुर्घटना के बाद BMC ने मुंबई के सभी पुलों का ऑडिट करने का फैसला किया। जिसके बाद बीएमसी (BMC) ने 314 पुलों में से 296 का ऑडिट किया था जिसमें 29 पुलों को अत्यंत खतरनाक बताया था। इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाओं के विकास को गति देने के लिए, बीएमसी ने 106 पुलों की छोटी मोटी मरम्मत और 87 पुलों की बड़ी मरम्मत करने का निर्णय लिया। ज्यादातर यह काम शुरू हो चुका है और मानसून से पहले पुलों पर काम पूरा करने पर जोर दिया गया था।
CSMT में हिमालय पुल के ढहने के बाद, 314 पुलों में से 296 नए ऑडिट किए गए। इसमें 29 पुल बहुत खतरनाक पाए गए। जिसमें 106 पुलों की मामूली मरम्मत और 87 पुलों की प्रमुख मरम्मत होगी। 87 पुलों में से 48 पर काम शुरू हो गया है।
बीएमसी ने दावा किया है कि इनमें से 14 पुलों के काम पूरे हो चुके हैं। वर्तमान में हँकॉक, कर्नाक, महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन, माहीम कॉजवे, नीलकंठ, मानखुर्द, विद्याविहार, बर्वेनगर, रेनेसान्स, हरितनाला, वीर संभाजीनगर मुलुंड, घाटकोपर के लक्ष्मीबाग, जोगेश्वरी रतननगर, कोरो केंद्र, मृणालताई गोरे पूल, गोखले पूल, धोबीघाट, पीरामल नाला और मेघवाडी पुलों की मरम्मत की जा रही है।
हिमालयन पुल के ढहने के बाद नगर निगम ने पुलों का निरीक्षण किया। अब मरम्मत के लिए 8 पुलों में महालक्ष्मी रेलवे ब्रिज, सायन रेलवे स्टेशन ब्रिज, तिलक ब्रिज के पास फ्लाईओवर, दादर फ्लावर बाज़ार के पास पुल के साथ साथ इसमें माहिम फाटक ब्रिज, करी रोड रेलवे स्टेशन ब्रिज, सायन अस्पताल में पुल और दादर धारावी नाला पर पैदल यात्री पुल भी शामिल है।
इस मरम्मत के लिए अतिरिक्त 8 करोड़ 46 लाख रुपये मंजूर किए गए थे। जब हिमालय पुल दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तो इन आठ पुलों की मरम्मत के लिए 15.33 करोड़ रुपये खर्च हुए। लेकिन अब लागत 23 करोड़ 60 लाख हो चुकी है। इसका मतलब है कि 8 करोड़ 84 लाख से अधिक की वृद्धि।