सिडको के घरों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। गुरवार को राज्यमंत्रीमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि अब सिडको की जगह का मालिक सिडको नहीं होगा बल्कि उस जगह पर घर बना कर रहने वाला नागरिक होगा। इस प्रस्ताव को मंत्रीमंडल की बैठक में सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने हरी झंडी दिखाया।
घर बेचे जाते हैं जमीन नहीं
सिडको की तरफ से गरीबों के लिए सस्ते घर बनाये जा रहे हैं।
सिडको यह घर नवी मुंबई, नासिक, औरंगबाद, नांदेड़, सिंधुदुर्ग जैसे जिलों में बना रहा है।
सिडको यह घर अपनी जमीन पर बनाकर घरों को बेचने के कार्य करता है।
इस हिसाब से घरों का मालिक कोई और होता है लेकिन जमीन की मालकियत सिडको के पास ही रहती है।
सिडको अपनी जमीनों को 30, 50 या फिट 99 सालों के लिए भाड़े पर सोसायटीयों को देता है।
कई दिनों से उठ रही थी मांग
अब ऐसे में सवाल उठता है कि अगर भाड़े कि अवधि समाप्त होने के बाद क्या होगा? इसीलिए कई दिनों से मांग की जा रही थी कि घरों के साथ साथ जमीनों का मालिकाना हक भी आम लोगों को दिया जाए। इसीलिए अब जाकर मुख्यमंत्री ने इनकी मांगों को ध्यान में रख कर इनकी मांगों को पूरा किया है।
कोई नई बात नहीं
अगर देखा जाएं तो यह कोई नई बात नहीं है कि सिडको अपनी जमीन का मालिकाना हक अपने पास रखती है।
म्हाडा हो या सिडको कोई भी जमीन का मालिकाना अपने पास ही रखता है।
केवल सोसायटियों को कुछ निर्माण करते समय, या फिर घर बेचते समय जमीन के मालिक की मंजूरी लेनी पड़ती है।