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'महारेरा' की वजह से घरों की कीमतों में 5-6 फीसदी की गिरावट

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का निष्कर्ष

'महारेरा' की वजह से घरों की कीमतों में 5-6 फीसदी की गिरावट
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राज्य में 'महारेरा' की स्थापना के बाद परियोजना पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और परियोजना से संबंधित अदालती मामलों के सभी विवरण 'महारेरा' वेबसाइट पर अनिवार्य कर दिए गए हैं। नतीजतन ऐसी परियोजनाओं यानी न्यायिक प्रक्रिया में अटके मकानों की कीमतों में 5 से 6 फीसदी की कमी आई है। (House prices fell by 5% to 6 % due to MahaRERA University of Manchester researchers conclude)

देश में रियल एस्टेट अधिनियम के कार्यान्वयन से पहले और बाद में आवास परियोजनाओं पर शोध के बाद जारी एक निबंध में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के चार विद्वानों द्वारा निर्माण क्षेत्र में बड़ी मात्रा में पारदर्शिता का निष्कर्ष निकाला गया है। शोधकर्ताओं ने परियोजना से संबंधित कानूनी मामलों और समग्र परियोजना की जानकारी वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध कराने के लिए 'महारेरा' के प्रयासों पर भी ध्यान दिया है।

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के विद्वान वैदेही टंडेल, साहिल गांधी, अनुपम नंदा और नंदिनी अग्निहोत्री ने भारत में आवास क्षेत्र का अध्ययन करते हुए एक शोध पत्र तैयार किया है। इस निबंध में 'महारेरा' की स्थापना के बाद राज्य में निर्माण क्षेत्र में कैसे बदलाव आया है और इसका सकारात्मक प्रभाव कैसे पड़ा है, इस पर प्रकाश डाला गया है।

'महारेरा' के लागू होने के बाद, डेवलपर्स को परियोजना के बारे में सभी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया गया है, इसलिए निर्माण क्षेत्र में पारदर्शिता आई है। इन शोधकर्ताओं ने 2015 से 2020 तक की जानकारी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।

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