बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बीएमसी को आदेश दिया कि मारिन ड्राइव से कांदिवली तक 34 किमी तक की कोस्टल रोड योजना को वह फिलहाल के लिए रोक दे और उनकी स्थिती जैसे थी वैसे ही रहने दी जाए। सरकार ने कोस्टल रोड परियोजना को मंजूरी दी हालांकि, सरकार की मंजूरी के संबंध में सवालिया निशान लगाते हुए कई याचिकाएं दायर की गई हैं। इस याचिका में मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति नितिन जामदार की खंडपीठ पहले सुनवाई कर रही थी।
इस याचिका पर अगली सुनवाई 23 अप्रैल को है। कोर्ट से बीएमसी और सरकार दोनों को ही आदेश दिया है की कोस्टल रोड के काम पर अस्थाई स्थगित लगाी जाए। हालांकी बीएमसी ने कोर्ट को बताते हुए कहा की अगर कोस्टल रोड का काम रोका जाता है की तो हर दिन 10 करोड़ का नुकसान होगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रोजेक्ट के लिए काम रोकने के लिए बीएमसी को 11 अप्रैल को आदेश दिया था।
हालांकी कोर्ट के आदेश के बाद भी बीएमसी ने काम करना जारी रखा और याचिकाकर्ता इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में गए। याचिकाकर्ताओं के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि ब्रीच कैंडी, नेपियन रोड, टाटा गार्डन और वर्ली में भरने का काम चल रहा था।