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ग्रीन ट्रिब्यूनल की वन विभाग को फटकार


ग्रीन ट्रिब्यूनल की वन विभाग को फटकार
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मुंबई में कितने फीसदी जमीनों पर वन स्थित है और वे किस प्रकार की वन जमीन है? इस पर ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दाखिल कर जानकारी मांगी गयी थी। लेकिन दो महिना बीत जाने पर भी वन विभाग ने एनजीटी (ग्रीन ट्रिब्यूनल) के पास इससे संबंधित कोई नक्शा और जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। पिछले दो महीने से वन विभाग एनजीटी से तारीख पर तारीख मांग रहा है। इसको लेकर याचिकाकर्ताओ ने सवाल उठाया है।

याचिकाकर्ताओं में से एक स्टालिन दयानंद ने कहा कि सोमवार को वन विभाग ने एनजीटी से नक्शा और जरुरी डाक्यूमेंट्स पेश करने के लिए एक महीने का समय मांगा था लेकिन याचिकाकर्ताओ के विरोध के चलते कोर्ट ने 20 अप्रैल तक का समय वनविभाग को दिया है।


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बता दें कि मेट्रो-3 योजना के चलते आरे में बन रहे कारशेड और हो रहे अन्य निर्माणों को लेकर पर्यावरण प्रेमियों ने एनजीटी से शिकायत की थी और उसी आधार पर यह जानकारी मांगी थी कि मुंबई में कितने फीसदी जंगल है और वे किस तरह की जमीनों पर स्थित हैं। लेकिन दो महीना बीत जाने पर भी वन विभाग की तरफ से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी। याचिका कर्ता ने आशंका जताई है कि क्या सही में वन विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है या वन विभाग जानबूझ कर टालमटोल कर रहा है। अब देखना होगा की वन विभाग कोर्ट के आदेश के बाद भी 20 अप्रैल तक जानकारी उपलब्ध करा पाता है या नहीं।

एमएमआरसी के वकील अनुपस्थि
आरे युनिट 19 में चल रहे बांधकाम के विरोध में वहां भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गयी है। लेकिनएमएमआरसी के अधिकारी और वकील सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुए।

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